दिल्ली पुलिस ने जूम को लिखा पत्र, 26 जनवरी हिंसा मामले में जूम पर टूलकिट को लेकर हुई मीटिंग की मांगी जानकारी

दिल्ली पुलिस के अनुसार, इस टूलकिट दस्तावेज के एक हिस्से में ‘प्रायर एक्शन’ के नाम से कुछ एक्शन पॉइंट्स का उल्लेख किया गया था जैसे कि 26 जनवरी के हैशटैग से डिजिटल स्ट्राइक करना, फिजिकल एक्शन की साजिश रचना।

फोटो: विपिन
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नवजीवन डेस्क

दिल्ली पुलिस ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग प्लेटफॉर्म जूम से उन लोगों के बारे में जानकारी साझा करने को कहा है, जो 11 जनवरी की वर्चुअल बैठक में शामिल हुए थे। पोएटिक जस्टिस फाउंडेशन ने इस मीटिंग का आयोजन किया था, जिसमें 26 जनवरी को किसानों की हड़ताल और ग्लोबल डे ऑफ एक्शन के तौर तरीकों वाले शीर्षक से 'टूलकिट' बनाने का फैसला किया गया था। इसमें पुलिस के आरोप के मुताबिक, मुंबई में वकील निकिता जैकब और पुणे के इंजीनियर शांतनु, दिशा सहित और भी कई लोग शामिल थे। दिल्ली पुलिस जूम मीटिंग में ग्रेटा थनबर्ग के शामिल होने की भी जांच कर रही है।

खबरों के मुताबिक, देश और विदेश से लगभग 60 से 70 लोग इस मीटिंग में शामिल हुए थे। पुलिस ने कहा है कि कनाडा में स्थित खालिस्तानी समर्थक संगठन पोएटिक जस्टिस फाउंडेशन के संस्थापक एम.ओ. धालीवाल ने पुनीत के माध्यम से निकिता संग संपर्क किया था, जो कि गणतंत्र दिवस से पहले ट्विटर पर हलचल मचाने वाला एक कनाडाई नागरिक है।

पुलिस ने कहा कि कनाडा की रहने वाली पुनीत नाम की इस महिला ने ही इन लोगों को पीजेएफ संग जोड़ा था और इसी के माध्यम से 'ग्लोबल फार्मर स्ट्राइक' और 'ग्लोबल डे ऑफ एक्शन 26 जनवरी' जैसे शीर्षकों वाले टूलकिट गूगल दस्तावेजों का निर्माण किया था। सूत्रों के अनुसार, एक अन्य महिला अनीता लाल का नाम भी टूलकिट दस्तावेज के सह-संस्थापक के रूप में सामने आया है।

दिल्ली पुलिस के अनुसार, इस टूलकिट दस्तावेज के एक हिस्से में 'प्रायर एक्शन' के नाम से कुछ एक्शन पॉइंट्स का उल्लेख किया गया था जैसे कि 26 जनवरी के हैशटैग से डिजिटल स्ट्राइक करना, फिजिकल एक्शन की साजिश रचना। हालांकि इससे पहले 23 जनवरी से ही ट्विटर पर बातों का सिलसिला शुरू हो गया था।

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