न्यूज़क्लिक के पत्रकारों के ठिकानों पर दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल की रेड, UAPA के तहत कार्रवाई
छापेमारी के दौरान स्पेशल सेल ने इन पत्रकारों के ठिकानों से इलेक्ट्रॉनिक एविडेंस जैसे लैपटॉप और मोबाइल फोन जब्त कर लिए हैं। साथ ही हार्ड डिस्क का डेटा भी लिया गया है।
दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल न्यूज़क्लिक वेबसाइट के पत्रकारों के ठिकानों पर छापेमारी कर रही है। यह छापेमारी दिल्ली और एनसीआर में पत्रकारों के ठिकानों पर चल रही है। बताया जा रहा है कि छापे की कार्रवाई 30 से ज्यादा ठिकानों पर एक साथ चल रही है। दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने मंगलवार सुबह एक साथ दिल्ली, नोएडा और गजियाबाद में छापे मारे।
छापेमारी के दौरान स्पेशल सेल ने इन पत्रकारों के ठिकानों से इलेक्ट्रॉनिक एविडेंस जैसे लैपटॉप और मोबाइल फोन जब्त कर लिए। साथ ही हार्ड डिस्क का डेटा भी लिया गया है। छापेमारी के दौरान न्यूज़क्लिक के पत्रकार उर्मिलेश सिंह के घर पर मौजूद हमारे संवाददाता विश्वदीपक ने स्पेशल सेल से जब बात की तो उन्होंने बताया कि यह मामला UAPA का है। यानी दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने UAPA के तहत केस दर्ज किया है।
'द वायर' की रिपोर्ट के मुताबिक, यह छापेमारी एफआईआर संख्या 224/2023 के संबंध में की जा रही है। यह मामला 17 अगस्त, 2023 को दायर किया गया था, और इसमें 153 (ए) (धर्म, जाति के आधार पर विभिन्न समूहों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा देना) के साथ-साथ कठोर यूएपीए की कई धाराएं (13, 16, 17, 18 और 22) लगाई गईं हैं। जन्म स्थान, निवास, भाषा, आदि, और सद्भाव बनाए रखने के लिए प्रतिकूल कार्य करना) और भारतीय दंड संहिता की धारा 120 (बी) (किसी अपराध को करने के लिए आपराधिक साजिश के अलावा अन्य आपराधिक साजिश में शामिल होना)।
दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल की कार्रवाई पर पत्रकार अभिसार शर्मा ने सोशल मीडिया पर पोस्ट करते हुए लिखा, दिल्ली पुलिस मेरे घर से लैपटॉप और मेरा फोन ले गई है।
मशहूर वकील प्रशांत भूषण ने एक्स पर पोस्ट किया, दिल्ली पुलिस ने पत्रकारों, व्यंग्यकारों के घरों पर सुबह-सुबह छापेमारी की। कई लोगों ने अपने इलेक्ट्रॉनिक उपकरण-लैपटॉप और टेलीफोन-पुलिस द्वारा छीन लिए जाने की बात कही। मीडिया और नागरिक समाज को चुप कराने की मोदी सरकार की कोशिश। पूरी तरह से अवैध है और उलटा असर होगा।
खबरों के मुताबिक, दिल्ली पुलिस ने एक नया मामला दर्ज किया है। दिल्ली पुलिस उस इनपुट के आधार पर कार्रवाई कर रही है जो प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने साझा किया था। ईडी की जांच में 3 साल के अंदर 38.05 करोड़ रुपये के फर्जी विदेशी फंड का खुलासा हुआ था। आरोप लगाया गया था कि यह पैसे गौतम नवलखा और तीस्ता सीतलवाड़ के सहयोगियों के अलावा कई पत्रकारों को दी गई थी।
दिल्ली पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा ने साल 2021 में न्यूज़क्लिक को मिली अवैध फंडिंग को लेकर केस दर्ज किया था। आरोपों के मुताबिक, यह संदिग्ध फंडिंग चीनी कंपनियों के जरिए न्यूज़ क्लिक को मिली थी। इसके बाद ईडी ने केस दर्ज कर मामले की जांच शुरू की थी। हालांकि हाईकोर्ट ने उस समय न्यूज़ क्लिक के प्रमोटरों को गिरफ्तारी से राहत दे दी थी।
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Published: 03 Oct 2023, 9:47 AM