दिल्ली पुलिस ने गाजीपुर लैंडफिल में आग की घटना के संबंध में प्राथमिकी की दर्ज
गाजीपुर थाने में भारतीय दंड संहिता की धारा 336 (दूसरों के जीवन या व्यक्तिगत सुरक्षा को खतरे में डालना) और 278 (माहौल को स्वास्थ्य के लिए हानिकारक बनाना) के तहत मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू कर दी गई है।
पूर्वी दिल्ली के गाजीपुर 'लैंडफिल साइट' (कचरा एकत्र करने की जगह) पर आग लगने के कुछ घंटों बाद पुलिस ने अज्ञात व्यक्तियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की है।
पुलिस के अनुसार, गाजीपुर थाने में भारतीय दंड संहिता की धारा 336 (दूसरों के जीवन या व्यक्तिगत सुरक्षा को खतरे में डालना) और 278 (माहौल को स्वास्थ्य के लिए हानिकारक बनाना) के तहत मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू कर दी गई है। दिल्ली दमकल सेवा के अनुसार, कचरे के विशाल पहाड़ से उत्पन्न गैसों के कारण रविवार शाम ‘लैंडफिल’ में भीषण आग लग गई।
'लैंडफिल' के निकट घड़ोली गांव के रहने वाले राम कुमार ने कहा, ''आग लगने के बाद से 15 घंटे बीत चुके हैं। यह धुआं आम नहीं बल्कि बेहद जहरीला धुआं है। जलन की वजह से हम अपनी आंखें नहीं खोल पा रहे हैं और सांस लेने में भी दिक्कत हो रही है।''
आस-पास रहने वाले कई लोगों ने 'पीटीआई-वीडियो' सेवा को बताया कि धुएं के कारण वे अपने बच्चों को स्कूल नहीं भेज पा रहे हैं।
वहीं भारतीय जनता पार्टी ने दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) और केंद्र शासित प्रदेश सरकार पर जनता को बेहतर जीवन दे पाने में विफल रहने का आरोप लगाया।
दिल्ली की महापौर शैली ओबेरॉय ने कहा, ''जैसे ही मुझे पता चला, मैंने अधिकारियों को कार्रवाई करने और 'लैंडफिल साइट' का निरीक्षण करने का निर्देश दिया। वे पूरी रात यहां थे। अब स्थिति बेहतर है। हालात बेहतर हैं। अगले पांच घंटों में धुएं पर काबू पा लिया जाएगा। हम मामले की जांच करेंगे। भाजपा सिर्फ आरोप लगा रही है। यह राजीनित करने का वक्त नहीं है।''
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