दिल्ली: मेडिकल छात्रों ने एम्स प्रशासन के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया, कहा- प्राथमिक मांग हमारी शिक्षा है

छात्र नसीर हसन ने बताया, "स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा लागू किया गया पाठ्यक्रम AIIMS द्वारा लागू नहीं किया गया है। हमें पढ़ाने के लिए ट्यूटर नियुक्त नहीं किए गए हैं। छात्र विभिन्न राज्यों से यहां आते हैं, लेकिन उन्हें छात्रावास की सुविधा नहीं दी जाती है।"

फोटो : सोशल मीडिया
फोटो : सोशल मीडिया
user

नवजीवन डेस्क

AIIMS के बैचलर ऑफ ऑप्टोमेट्री के छात्र नसीर हसन ने बताया, "हमारा विरोध AIIMS प्रशासन के खिलाफ है, हमारी प्राथमिक मांग हमारी शिक्षा है। AIIMS हमें शिक्षा देने में असमर्थ है। वे ऑप्टोमेट्री कॉलेज नहीं बना रहे हैं। स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा लागू किया गया पाठ्यक्रम AIIMS द्वारा लागू नहीं किया गया है। हमें पढ़ाने के लिए ट्यूटर नियुक्त नहीं किए गए हैं। छात्र विभिन्न राज्यों से यहां आते हैं, लेकिन उन्हें छात्रावास की सुविधा नहीं दी जाती है। यहां महिला सुरक्षा भी एक मुद्दा है।"

एम्स में द्वितीय वर्ष के मेडिकल छात्र अनिल यादव ने आरोप लगाया कि उन्हें अपना विरोध समाप्त करने के लिए “प्रताड़ित” किया जा रहा है और “धमकाया” जा रहा है। उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि कई बैठकों के बावजूद छात्रों को कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली है।


उन्होंने कहा, “हम पिछले 20 दिनों से धरने पर बैठे हैं। कोई भी हमारी बात सुनने को तैयार नहीं है। हमें प्रताड़ित किया गया है…हमें धमकी दी गई है कि अगर हमने अपना धरना खत्म नहीं किया, तो हम पर लाठीचार्ज किया जाएगा। एम्स में अभी भी करीब 50 पुलिसकर्मी मौजूद हैं।