दिल्ली मेयर चुनाव: AAP की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट 3 फरवरी को करेगा सुनवाई, शैली ओबेरॉय ने दायर की है याचिका

आप ने सदन के नेता और मेयर उम्मीदवार (ओबेरॉय) के माध्यम से सुप्रीम कोर्ट का रुख किया है। हमने दो प्रमुख मांगों रखी हैं। पहली समयबद्ध तरीके से मेयर का चुनाव करना और एमसीडी में सरकार बनाना। दूसरा, एल्डरमेन को वोट डालने से प्रतिबंधित किया जाना।

फोटो: IANS
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नवजीवन डेस्क

सुप्रीम कोर्ट शुक्रवार को आम आदमी पार्टी (आप) की मेयर पद की उम्मीदवार शैली ओबेरॉय की याचिका पर तीन फरवरी को विचार करने पर सहमत हो गया, जिसमें समयबद्ध तरीके से चुनाव कराने का आदेश देने की मांग की गई है। वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक सिंघवी ने प्रधान न्यायाधीश डी.वाई. चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति दीपांकर दत्ता की पीठ के समक्ष मामले का उल्लेख किया। शीर्ष अदालत 3 फरवरी को मामले की सुनवाई करने पर सहमत हुई। आप ने बीजेपी पर मेयर पद के लिए चुनाव कराने से भागने का आरोप लगाया।

गौरतलब है कि दिसंबर में हुए एमसीडी चुनाव में आप ने 250 वार्डें में से 134 पर जीत दर्ज की थी, बीजेपी 104 वार्ड जीतने में सफल रही। आप ने अपनी दलील में समयबद्ध तत्काल महापौर चुनाव की मांग की है और एल्डरमेन द्वारा मतदान पर रोक लगाने की भी मांग की है।

पार्रटी नेता सौरभ भारद्वाज ने कहा, दिल्ली के लोगों ने एमसीडी में आप को बहुमत दिया, लेकिन बीजेपी हमें एमसीडी में सरकार नहीं बनाने दे रही है। आप ने सदन के नेता और मेयर उम्मीदवार (ओबेरॉय) के माध्यम से सुप्रीम कोर्ट का रुख किया है। हमने दो प्रमुख मांगों रखी हैं। पहली समयबद्ध तरीके से मेयर का चुनाव करना और एमसीडी में सरकार बनाना। दूसरा, एल्डरमेन को वोट डालने से प्रतिबंधित किया जाना।

मेयर का चुनाव पहले 6 जनवरी को होना था, लेकिन भाजपा और आप के पार्षदों के बीच हाथापाई के बाद सदन को स्थगित कर दिया गया।

फिर 24 जनवरी को महापौर और उप महापौर और स्थायी समिति के सदस्यों का चुनाव करने के लिए एक सत्र बुलाया गया।

हालांकि सभी 250 नव-निर्वाचित एमसीडी पार्षदों और 10 मनोनीत सदस्यों (एल्डरमेन) के शपथ लेने के बाद आप और भाजपा के पार्षदों द्वारा किए गए हंगामे के बाद सदन को फिर से अगली तारीख तक के लिए स्थगित कर दिया गया।

दूसरी ओर भाजपा के प्रदेश कार्यकारी अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और आप जनता को गुमराह कर रहे हैं और उनका संविधान में कोई भरोसा नहीं है।

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