दिल्ली में ऑक्सीजन की कमी के बीच अब जल संकट, 8 मई तक हो सकती है भारी समस्या
दिल्ली जल बोर्ड ने एक नोटिस में कहा कि वजीराबाद तालाब में जलस्तर घटने और हरियाणा से यमुना में कम पानी छोड़े जाने के कारण वजीराबाद, चंद्रावल और ओखला स्थित जल शोधन संयंत्रों में पानी का उत्पादन बंद हो गया है। इसलिए जलापूर्ति 6 से 8 मई तक प्रभावित होगी।
राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में कोरोना वायरस के मामलों में वृद्धि और ऑक्सीजन की भारी कमी के बीच एक नई समस्या खड़ी होती दिख रही है। दरअसल दिल्ली के कई हिस्सों में 6 मई से 8 मई तक जल संकट के हालात बन सकते हैं, क्योंकि यमुना से कच्चे पानी की आपूर्ति में भारी कमी होने की संभावना है। बुधवार को जारी दिल्ली जल बोर्ड (डीजेबी) के नोटिस के अनुसार, वजीराबाद में यमुना नदी का जलस्तर 674.5 फीट के मानक स्तर के मुकाबले 667.20 फीट तक घट गया है।
दिल्ली जल बोर्ड ने कहा, "वजीराबाद तालाब में जलस्तर के घटने और हरियाणा से यमुना में कच्चा पानी कम छोड़े जाने के कारण वजीराबाद, चंद्रावल और ओखला स्थित जल शोधन संयंत्रों में पानी का उत्पादन बंद हो गया है। इसलिए जलापूर्ति 6 से 8 मई तक प्रभावित होगी। इसी तरह, जब तक तालाब का स्तर सामान्य नहीं हो जाता, पानी की किल्लत बनी रह सकती है।
जल बोर्ड के अनुसार, सिविल लाइंस, हिंदू राव अस्पताल और आसपास के क्षेत्र, कमला नगर, शक्ति नगर और आसपास के क्षेत्र, करोलबाग, पहाड़गंज और एनडीएमसी क्षेत्र, ओल्ड और न्यू राजेंद्र नगर, पूर्वी और पश्चिमी पटेल नगर, बलजीत नगर, प्रेम नगर, इंद्रपुरी सहित अन्य इलाके इस जल संकट में प्रभावित होने वाले क्षेत्र हैं।
इसी तरह, दक्षिणी दिल्ली के इलाकों में ग्रेटर कैलाश, साउथ एक्सटेंशन, कालकाजी, गोविंदपुरी, अमर कॉलोनी, तुगलकाबाद, संगम विहार, अंबेडकरनगर, प्रह्लादपुर और आसपास के इलाके प्रभावित होंगे। दिल्ली के अन्य हिस्सों में, रामलीला मैदान, दिल्ली गेट, सुभाष पार्क, मॉडल टाउन, गुलाबी बाग, पंजाबी बाग, जहांगीरपुरी, मूलचंद, बुराड़ी और आसपास के क्षेत्रों और छावनी इलाके के कुछ हिस्सों में जलापूर्ति प्रभावित होने की संभावना है।
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