दिल्ली हिंसा: हाई कोर्ट ने 'जी न्यूज़’ से पूछा, सोर्स बताएं- कहां से अभियुक्त का कथित इकबालिया बयान किया हासिल
दिल्ली हिंसा में आरोपी आसिफ इकबाल तन्हा के कथित इकबालिया बयान को लेकर दिल्ली HC ने 'जी न्यूज' को निर्देश दिया है कि वह अगली सुनवाई तक एक हलफनामा दायर कर ये स्पष्ट करे कि उनको याचिकाकर्ता (आसिफ इकबाल तन्हा) का कथित इकबालिया बयान कहां से मिला है।
दिल्ली हिंसा के आरोपी आसिफ इकबाल तन्हा के इकबालिया बयान को लेकर दिल्ली हाईकोर्ट ने टीवी न्यूज चैनल 'जी न्यूज' को निर्देश दिया है कि वह अगली सुनवाई (यानी, 19 अक्टूबर) तक एक हलफनामा दायर कर ये स्पष्ट करे कि उनको याचिकाकर्ता (आसिफ इकबाल तन्हा) का कथित इकबालिया बयान कहां से मिला है।
आपको बता दें, न्यायमूर्ति विभु बाखरू की खंडपीठ ने 'जी न्यूज' को यह निर्देश उस समय दिया जब डीसीपी स्पेशल सेल, नई दिल्ली ने अदालत ने सूचित किया कि जांच में शामिल किसी भी पुलिसकर्मी ने जांच का कोई भी विवरण लीक नहीं किया है। दिल्ली पुलिस ने गुरुवार को दिल्ली उच्च न्यायालय को बताया कि जामिया मिलिया इस्लामिया के 24 वर्षीय छात्र आसिफ इकबाल तन्हा(जो दिल्ली दंगों के मामले में एक आरोपी हैं ) के इकबालिया बयान उनके अधिकारियों द्वारा लीक नहीं की गई थी और वे खुद उस समाचार रिपोर्ट से दुखी हैं हैं जिसमें छात्र के इकबालिया बयान का जिक्र किया गया है।
आपको बता दें, याचिकाकर्ता ने शिकायत की है कि इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में दिखाई देने वाली विभिन्न समाचार रिपोर्टों से वे दुखी हैं। जिनमें बताया गया था कि याचिकाकर्ता ने उत्तर-पूर्वी दिल्ली में होने वाले सांप्रदायिक दंगों को आयोजित करने और उकसाने की बात कबूल की है। जामिया के छात्र आसिफ इकबाल तन्हा द्वारा इस याचिका में मांग की गई है कि मीडिया हाउस और सोशल-मीडिया को निर्देश दिया जाए कि उनके मामले की जांच से जुड़ी संवेदनशील जानकारी (कथित तौर पर पुलिस द्वारा चैनलों को लीक की गई जानकारी) को हटाए।
इसके अलावा हाईकोर्ट के समक्ष यह भी तर्क दिया गया है कि उक्त जानकारी को लीक करने के पीछे मकसद यह है कि याचिकाकर्ता की निष्पक्ष ट्रायल के अधिकार को प्रभावित किया जा सकें। गौरतलब है कि मई 2020 में जामिया मिलिया इस्लामिया के 24 वर्षीय छात्र आसिफ इकबाल तन्हा को दिल्ली पुलिस ने गिरफ्तार किया था। उसे फरवरी 2020 में उत्तर पूर्वी दिल्ली में हुई हिंसा के सिलसिले में ''गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम के तहत गिरफ्तार किया गया था।
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