दिल्ली: तेज हॉर्न बजाने, शोर करने वाले साइलेंसर लगाने पर कार्रवाई, 6000 लोगों पर ट्रैफिक पुलिस ने ठोका जुर्माना
याचिकाकर्ता ने कहा कि प्रेशर हॉर्न्स और मॉडिफाइड साइलेंसर्स (विशेष रूप से बुलेट मोटरसाइकिलों पर) बहुत शोर करते हैं और यह समस्या दिल्ली विश्वविद्यालय छात्र संघ (डूसू) चुनावों के दौरान अनियंत्रित हो जाती है।
दिल्ली में तेज आवाज हॉर्न बजाने और शोर करने वाले साइलेंसर लगाने वालों की खैर नहीं है। ध्वनि प्रदूषण कम करने के प्रयास के तहत 4 जून से 22 जुलाई के बीच प्रेशर हॉर्न का उपयोग करने को लेकर 6,315 और मॉडिफाइड साइलेंसर लगाने को लेकर 56 वाहन चालकों पर जुर्माना लगाया गया है।
अतिरिक्त पुलिस आयुक्त (यातायात) बीके सिंह ने हाई कोर्ट में मुख्य न्यायाधीश डीएन पटेल और न्यायमूर्ति सी हरिशंकर की सदस्यता वाली खंड पीठ में रिपोर्ट दाखिल की। खंड पीठ जस्टिस फॉर राइट्स फाउंडेशन की तरफ से अधिवक्ता हरप्रीत सिंह होरा की याचिका पर बुधवार को सुनवाई कर रही थी। कोर्ट ने मामले की अगली सुनवाई 17 अक्टूबर को तय की है।
याचिकाकर्ता ने कहा कि प्रेशर हॉर्न्स और मॉडिफाइड साइलेंसर्स (विशेष रूप से बुलेट मोटरसाइकिलों पर) बहुत शोर करते हैं और यह समस्या दिल्ली विश्वविद्यालय छात्र संघ (डूसू) चुनावों के दौरान अनियंत्रित हो जाती है। हरप्रीत सिंह ने बताया, “प्रेशर हॉर्न और मॉडिफाइड साइलेंसर्स का उपयोग पहले ही एक अपराध है।”
वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा, “ हाई कोर्ट ने हमसे पूछा कि क्या हम मोटरसाइकिलों से प्रेशर हॉर्न हटा रहे हैं तो हमने इसका जवाब देने के लिए एक हलफनामा दाखिल किया है। हम वाहनों की जांच करते हैं और अगर वाहनों में मॉडिफाइड साइलेंसर्स या प्रेशर हॉर्न फिट होते हैं तो हम उन्हें हटा देते हैं और वाहन चालक पर बड़ा चालान काटते हैं।”
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