दिवाली के बाद ‘दमघोटू’ हुई दिल्ली की हवा, चारों तरफ छाया धुएं का गुबार, प्रदूषण बेहद खतरनाक स्तर पर पहुंचा
दिल्ली की हवा में पटाखों के जलाए जाने की वजह से जहरीला धुंआ भर गया और कई जगहों पर हवा की गुणवत्ता का स्तर बेहद खतरनाक स्तर को पार गया है। बताया जा रहा है कि लोगों ने सुप्रीम कोर्ट द्वारा पटाखा छोड़ने के लिए तय 2 घंटे की समयसीमा काउल्लंघन करके पटाखे छोड़े।
दिवाली पर पटाखा जलाए जाने से राजधानी दिल्ली में प्रदूषण का स्तर बेहद खतरनाक स्तर पर पहुंच गया है। दिवाली के अगले दिन यानी आज कुछ जगहों पर प्रदूषण का स्तर सामान्य तो कहीं बेहद ज्यादा रहा। दिवाली पर दिल्ली-एनसीआर में जलाए गए पटाखों का असर साफ तौर पर देखा जा रहा है। दिल्ली के अलग-अलग इलाकों में पीएम 10 और पीएम 2.5 लेवल 950 तक पहुंच गया।
देर रात आईटीओ इलाके में पीएम 10 और पीएम 2.5 का स्तर 900 तक पहुंचा, वहीं सुबह के वक्त यह आंकड़ा 255 स्तर पर भी पहुंचा। 255 भी प्रदूषण के लिहाज से खतरनाक स्थिति है। रात में लोदी रोड इलाके में प्रदूषण का स्तर 250 से 280 स्तर पर था। बताया जा रहा है कि यह सुबह होते ही यह स्तर 500 तक पहुंच गया।
रविवार रात 11 बजे दिल्ली की औसत वायु गुणवत्ता का स्तर 327 पर पहुंच गया, जबकि शनिवार को यह 302 था। सरकारी वायु गुणवत्ता निगरानी संस्था ‘सफर' ने दिवाली की रात पटाखे जलाने, मौसम में बदलाव और पराली जलाने की वजह से दिल्ली की औसत वायु गुणवत्ता खतरनाक स्तर पर पहुंचने की आशंका जताई है। आंकड़ों के अनुसार, दिन में आनंद विहार में पीएम10 का स्तर 515 दर्ज किया गया। वजीरपुर और बवाना में पीएम 2.5 का स्तर 400 के पार पहुं जगया।
प्रदूषण बढ़ने की ये है वजह:
शहर की हवा में पटाखों के जलाए जाने की वजह से जहरीला धुंआ और राख भर गया और कई जगहों पर हवा की गुणवत्ता का स्तर बेहद खतरनाक स्तर को पार गया है। बताया जा रहा है कि लोगों ने जंगपुरा, शाहदरा, लक्ष्मी नगर, मयूर विहार, सरिता विहार, बुराड़ी, हरी नगर, न्यू फ्रेंड्स कॉलोनी, मालवीय नगर, लाजपत नगर, कैलाश हिल्स, द्वारका सहित कई इलाकों में सुप्रीम कोर्ट द्वारा पटाखा छोड़ने के लिए तय दो घंटे की समयसीमा का उल्लंघन करके पटाखे छोड़े। इस बात की लोगों ने सूचना दी है।
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Published: 28 Oct 2019, 9:40 AM