दिल्ली हिंसा के बाद से शवों का मिलना जारी, अब मेरठ के युवक का नाले में मिला शव, परिवार में पसरा मातम
दिल्ली हिंसा में मेरठ के एक युवक की मौत हो गई है। गुरुवार को युवक का शव दिल्ली के दयालपुर के नाले से मिली है। इसकी जानकारी पर परिजनों में कोहराम मच गया। परिवार के लोग हजमा का शव को लेकर मेरठ आ रहे हैं।
दिल्ली में हुई हिंसा ने पूरे देश को हिला कर रख दिया है। दिल्ली की इस हिंसा ने भारत की छवि को दुनिया भर में नुकसान पहुंचाया है। हिंसा के बाद से हालात यह है कि नाले में से अब तक लाशें मिल रही है। ताजा मामला दिल्ली के दयालपुर का है। जहां मेरठ के एक युवक हमजा अंसारी की लाश मिली है। 25 साल के हाफिज हमजा दंगे के दो दिन बाद घर से बाहर अपनी दुकान देखने गया था। गुरुवार को उसकी लाश दयालपुर इलाके के नाले से मिली है।
उनके भाई शाहवेज ने बताया, “दिल्ली के थाना दयालपुर क्षेत्र के नाले से गुरुवार को भी एक युवक की लाश मिली। जिसकी पहचान उनके चचेरे भाई हमजा के रूप में हुई है आज वो उसके शव को मेरठ में लेकर आ रहे हैं।” बताया जा रहा है कि हमजा मेरठ के थाना लिसाड़ीगेट क्षेत्र के रहने वाला है और उनके पिता का नाम ग्यासुदीन है। हमज़ा दिल्ली के मुस्तफाबाद में अपने बहनोई आरिफ के घर रहता था। वो वहां खाने का दुकान लगाता था। उनके भाई आगे कहा कि जल्दी ही हजमा की शादी होने वाली थी।
दिल्ली में अब तक मरने वालों की संख्या 53 हो गई है। जिनमें 49 लोगों की पहचान हो गई है। परिजनों के मुताबिक, 24 फरवरी को दिल्ली में हिंसा भड़कने के बाद हजमा ने कई दिनों तक ठेली नहीं लगाई थी और घर से बाहर भी नहीं गया था। दंगे के दो दिन के बाद हजमा कहने लगा कि अब माहौल सामान्य है उसे बहुसंख्यक बहुल इलाके में अपनी दुकान को देखने जाना चाहिए कि कहीं उसमे दंगाइयों ने कोई नुकसान तो नही किया है।
आरिफ अंसारी के अनुसार, “उसने हिंसा के दौरान हजमा को जाने के लिए मना किया था मगर वो नहीं माना। उसके बाद से वो लापता हो गया। दिल्ली में हुई घटनाओं को देखते हुए हमें डर लग रहा था। जिस अनहोनी की आशंका हमें थी वो हो गई। गुरुवार को दयालपुर पुलिस को नाले से एक लाश मिली। यह हमज़ा की थी।”
बताया जा रहा है कि गुरुवार को थाना दयालपुर पुलिस को नाले से एक लाश मिली जिसकी पहचान के लिए आरिफ को बुलाया गया था। आरिफ ने इसकी पहचान अपने साले हमज़ा के रूप में की। इस खबर सुनते ही मेरठ के लिसाड़ीगेट और उसके परिवार में गम का माहौल छा गया। आरिफ के अनुसार उसने इसकी सूचना अपने इलाके की पुलिस को दी थी। अब पुलिस ने ही उन्हें फोन करके बुलाया। हमजा का फोन उसके गायब होने वाले दिन से ही बंद था।
बता दें कि 20 दिसंबर को सीएए के विरोध के दौरान हुई हिंसा में हजमा के इलाके के पांच युवकों की मौत हो गई थी। यहां का माहौल पहले ही तनावग्रस्त है। अब हजमा की मौत की खबर ने और भी गमगीन कर दिया है।
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