यूपी के दलित बीजेपी सांसद की मोदी से गुहार, योगी आदित्यनाथ ने शिकायत सुनने के बजाय लगाई फटकार
उत्तर प्रदेश एक दलित बीजेपी सांसद ने प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की शिकायत की है। उन्होंने कहा है कि मुख्यमंत्री शिकायत सुनने के बजाए फटकार लगाकर भगा देते हैं।
एक तरफ प्रधानमंत्री मोदी अब हर काम में बाबा साहेब अंबेडकर का नाम ले रहे हैं, बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ओडिशा में दलित के घर भोजन कर रहे हैं, वहीं दूसरी तरफ उनकी ही पार्टी के एक दलित सांसद को उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ डांटते-फटकराते हैं और कमरे से भगा देते हैं। इसकी शिकायत खुद उत्तर प्रदेश के रॉबर्ट्सगंज से बीजेपी सांसद छोटेलाल खरवार ने की है। उन्होंने प्रधानमंत्री को लिखे पत्र में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के साथ ही यूपी बीजेपी अध्यक्ष महेंद्रनाथ पांडेय और संगठन मंत्री सुनील बंसल की भी शिकायत की है।
छोटेलाल खरवार ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लिखे पत्र में कहा है कि प्रशासन और जिला अधिकारी उनकी बात नहीं सुनते और उनके साथ भेदभाव करते हैं। उन्होंने इस मामले की शिकायत अनुसूचित जाति व जनजाति आयोग में भी शिकायत की है। अपने पत्र में सांसद ने कहा है कि वो पिछले तीन साल से चंदौली जिला प्रशासन और वन विभाग में हो रहे भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज उठा रहे हैं, जो उनके संसदीय क्षेत्र से लगा हुआ इलाका है। उन्होंने लिखा है कि जब योगी मुख्यमंत्री बने तो लगा था मामला होगा, लेकिन उल्टा उनकी जमीन को ही वन विभाग की जमीन बताया दिया गया। खरवार ने यह भी आरोप लगाया है कि उनके खिलाफ पार्टी के क्षेत्रीय नेता साजिश कर रहे हैं और विपक्षी दलों के साथ मिलकर उनके खिलाफ काम कर रहे हैं।
बीजेपी सांसद ने कहा है कि जिले के आला अधिकारी उनका उत्पीड़न कर रहे हैं। उन्होंने लिखा कि इस मामले को लेकर वे दो बार मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मुलाकात की, लेकिन सीएम ने उन्हें डांटकर भगा दिया। एक न्यूज चैनल से बातचीत में खरवार ने कहा कि बीजेपी के कुछ लोग उनके खिलाफ टिकट काटने की साजिश भी रच सकते हैं। उन्होंने खुलकर कहा कि, “हां, मैं पार्टी से नाराज हूं। प्रधानमंत्री को लिखकर दिया है, क्योंकि मेरे खिलाफ साजिश की गई है। एसपी-बीएसपी साथ-साथ बीजेपी के लोगों ने मिलकर मेरे भाई को ब्लॉक प्रमुख के पद से हटवाया है, हमारे ऊपर हमले हुए हैं।”
उन्होंने दावा किया कि, “विरोधियों ने मेरे कान पर पिस्टल लगाया, लेकिन पुलिसवालों ने कोई सुनवाई नहीं की, हम थानेदार से लेकर डीजीपी तक से मिल चुके हैं, हमारी बात किसी ने नहीं सुनी”
उन्होंने खरवार ने शिकायत में कहा है कि प्रदेश में जब अखिलेश सरकार थी, उस समय 2015 में नौगढ़ वन क्षेत्र में अवैध कब्जे की शिकायत मुख्यमंत्री समेत कई लोगों से की, लेकिन कार्रवाई के बजाय अधिकारियों ने मेरे घर को ही वन क्षेत्र में डाल दिया। राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग के आदेश पर दोबारा पैमाईश में सच सामने आया कि मेरा घर वन क्षेत्र में नहीं है.
उन्होंने कहा कि बीजेपी किसी की बपौती नहीं है। खरवार बीजेपी अनुसूचित जाति मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष भी हैं। दलित समाज में पार्टी के प्रति असंतोष पर उनका कहना है कि दलितों में आरक्षण को लेकर असंतोष बढ़ रहा है। उन्होंने बताया कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद से दलितों के बीच चिंता बढ़ गई है।
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