डीए संकट: कर्मचारियों ने आंदोलन की दी चेतावनी, 6 अप्रैल को काम बंद करने का फैसला, जंतर-मंतर पर प्रदर्शन का भी ऐलान
महंगाई भत्ते का बकाया भुगतान नहीं होने पर आंदोलन की अगुवाई कर रहे राज्य सरकार के कर्मचारियों के संयुक्त मंच ने अब इस मुद्दे पर अपने आंदोलन के विस्तार के रूप में 6 अप्रैल को काम बंद करने का फैसला किया है।
पश्चिम बंगाल सरकार के खिलाफ महंगाई भत्ते का बकाया भुगतान नहीं होने पर आंदोलन की अगुवाई कर रहे राज्य सरकार के कर्मचारियों के संयुक्त मंच ने अब इस मुद्दे पर अपने आंदोलन के विस्तार के रूप में 6 अप्रैल को काम बंद करने का फैसला किया है। इसके अलावा संयुक्त मंच के संयोजक भास्कर घोष ने मंगलवार सुबह बताया कि आंदोलनकारी राज्य सरकार के कर्मचारी इस मुद्दे को लेकर नई दिल्ली के जंतर-मंतर पर दो दिवसीय धरना-प्रदर्शन करेंगे।
उसके बाद संयुक्त मंच राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, उपाध्यक्ष जगदीप धनखड़ और केंद्रीय मंत्रिमंडल के कुछ मंत्रियों को एक ज्ञापन भेजेगा।
घोष के अनुसार, आंदोलन के भविष्य के पाठ्यक्रम में पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के हाल के आरोपों के खिलाफ विरोध शामिल होगा कि पिछले वाम मोर्चा शासन के दौरान अवैध रूप से राज्य सरकार की नौकरियां हासिल करने वाले लोग महंगाई भत्ते के मुद्दे पर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं।
घोष ने दावा किया कि आंदोलनकारी कर्मचारी व्यक्तिगत रूप से मुख्यमंत्री को एक ज्ञापन भेजकर उनकी भर्तियों की जांच का आदेश देने का अनुरोध करेंगे। घोष ने कहा, जांच को यह साबित करने दें कि हमने अपनी नौकरी कानूनी तरीके से हासिल की या नहीं।
उन्होंने कहा, यह पता चला है कि कलकत्ता उच्च न्यायालय सहित पश्चिम बंगाल की सभी अदालतों के कर्मचारियों ने भी संयुक्त मंच के प्रति एकजुटता की अभिव्यक्ति के रूप में 6 अप्रैल को काम बंद रखने का फैसला किया है।
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