IC-814 विवाद: 'संघियों' को डर है कि युवाओं को वाजपेयी सरकार के आतंकियों को छोड़ने का पता चल जाएगा- सुभाषिनी अली

सीपीएम नेता सुभाषिनी अली ने कहा है कि आईसी-814 सीरीज को लेकर संघियों को डर है कि नई पीढ़ी को पता चल जाएगा कि वाजपेयी सरकार ने आतंकवादी छोड़े थे।

सीपीएम नेता सुभाषिनी अली ने आईसी-814 सीरीज को लेकर अपनी राय जाहिर की है
सीपीएम नेता सुभाषिनी अली ने आईसी-814 सीरीज को लेकर अपनी राय जाहिर की है
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पीटीआई (भाषा)

वेब सीरीज 'आईसी-814: द कंधार हाईजैक' को लेकर विवाद के बीच माकपा नेता सुभाषिनी अली ने मंगलवार को कहा कि 'संघी' इसपर इसलिए आपत्ति जता रहे हैं, क्योंकि उन्हें डर है कि युवा पीढ़ी को पता चल जाएगा कि अटल बिहारी वाजपेयी सरकार ने आतंकवादियों को रिहा किया था। अनुभव सिन्हा द्वारा निर्देशित यह वेब सीरीज 29 अगस्त को नेटफ्लिक्स पर रिलीज हुई थी।

काठमांडू से दिल्ली की उड़ान भरने वाले इंडियन एयरलाइन्स के विमान के अपहरणकर्ताओं का 'मानवीय' चित्रण करने को लेकर विवाद उत्पन्न हुआ है और कई दर्शकों ने इस पर आपत्ति जताई है।

सोशल मीडिया मंच 'एक्स' पर कई उपयोगकर्ताओं ने हैशटैग के साथ बॉयकॉट नेटफ्लिक्स’, ‘बॉयकॉट बॉलीवुड’ और आईसी 814 का उपयोग करते हुए कई पोस्ट साझा किए। उन्होंने दावा किया कि फिल्म निर्माताओं ने एक समुदाय विशेष से संबंधित आतंकवादियों के नाम छिपाने के लिए अपहरणकर्ताओं के नाम बदलकर 'शंकर' और 'भोला' कर दिए हैं।

सीपीएम पोलित ब्यूरो सदस्य अली ने 'एक्स' पर एक पोस्ट में कहा, " संघी, अनुभव सिन्हा की कंधार सीरीज में हाइजेकर के उपनामों से नहीं इस बात से परेशान हैं कि नई पीढ़ी जान जाएगी कि अटल बिहारी (वाजपेयी) के अमृत काल मे उनके विदेश मंत्री ने जेल से दो खूंखार आतंकियों को छुड़ाकर उन्हें अफगानिस्तान पहुंचाया और जिससे जैश-ए-मोहम्मद का जन्म हुआ। हाइजेकर भी भाग निकले।''


अनुभव सिन्हा द्वारा निर्देशित इस वेबसीरीज में विजय वर्मा, पत्रलेखा, पंकज कपूर, नसीरुद्दीन शाह, अरविंद स्वामी, दीया मिर्जा जैसे कलाकारों ने काम किया है।

वहीं, नेटफ्लिक्स इंडिया की कंटेंट प्रमुख मोनिका शेरगिल ने मंगलवार को सूचना एवं प्रसारण सचिव संजय जाजू से मुलाकात की। इस दौरान ‘ओटीटी’ मंच की अधिकारी को समाज के एक बड़े वर्ग द्वारा व्यक्त की गई भावनाओं से अवगत कराया गया और बताया गया कि ऐसे विषयों से निपटने में संवेदनशील होने की जरूरत है।

वेबसीरीज में आतंकवादियों के चित्रण पर चिंता जताते हुए एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि किसी को भी देश के लोगों की भावनाओं से खेलने का अधिकार नहीं है।

चालक दल के सदस्यों सहित 154 से अधिक यात्रियों को आठ दिन तक बंधक बनाया गया था और दुर्दांत आतंकवादी मसूद अजहर, उमर शेख और मुश्ताक अहमद जरगर की रिहाई के बदले में बंधकों को छोड़ा गया।

तत्कालीन विदेश मंत्री जसवंत सिंह तीनों आतंकवादियों को एक विशेष विमान से कंधार ले गए जहां पर इंडियन एअरलाइंस के विमान को रखा गया था।

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