रूस का कोरोना वैक्सीन विवादों में घिरा, देश के शीर्ष डॉक्टर ने स्वास्थ्य मंत्रालय छोड़ा
प्रोफेसर अलेक्जेंडर चुचलिन के इस्तीफे से पता चलता है कि वैक्सीन ‘स्पुतनिक-5’ को रूस के भीतर भी आलोचनाओं का सामना करना पड़ा है। रिपोर्ट के अनुसार मंत्रालय के नैतिकता परिषद को छोड़ने से पहले चुचलिन ‘सुरक्षा’ आधार पर वैक्सीन के पंजीकरण को रोकना चाहते थे।
पूरी दुनिया में कोरोना वायरस के कहर के बीच अचानक कोविड-19 का वैक्सीन बनाने का दावा कर चर्चा के केंद्र में आया रूस अब इस वैक्सीन को लेकर विवादों में आ गया है। कोरोना वैक्सीन के पंजीकरण को लेकर देश के एक शीर्ष डॉक्टर ने स्वास्थ्य मंत्रालय से इस्तीफा दे दिया है। माना जा रहा है कि उनकी आपत्तियों को दरकिनार किए जाने से नाराज होकर डॉक्टर ने इस्तीफा दिया है।
मेलऑनलाइन के अनुसार गुरुवार को कोरोना वायरस वैक्सीन के पंजीकरण को लेकर एक शीर्ष श्वसन चिकित्सक ने रूसी स्वास्थ्य मंत्रालय की नैतिकता परिषद को छोड़ दिया है। बताया जा रहा है कि मंत्रालय ने वैक्सीन विकास के महत्वपूर्ण चरण फेज-3 के टेस्ट से पहले ही वैक्सीन के पंजीकरण के लिए आगे बढ़ने का फैसला किया है। कहा जा रहा है कि प्रोफेसर अलेक्जेंडर चुचलिन नैतिकता परिषद को छोड़ने से पहले, 'सुरक्षा' आधार पर वैक्सीन के पंजीकरण को रोकना चाहते थे।
इससे पहले मंगलवार को रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने घोषणा की थी कि देश ने दुनिया का पहला कोविड-19 वैक्सीन पंजीकृत किया है। बाद में, बुधवार को रूस के स्वास्थ्य मंत्री मिखाइल मुराश्को ने कहा कि देश दो सप्ताह के भीतर वैक्सीन का उत्पादन शुरू कर देगा।
हालांकि, वैक्सीन के उत्पादन में तेजी दिखाने को लेकर देश को आलोचनाओं का सामना करना पड़ा है। संयुक्त राष्ट्र की स्वास्थ्य एजेंसी के एक अधिकारी ने गुरुवार को कहा कि विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) को इसकी प्रभावशीलता पर टिप्पणी करने के लिए वैक्सीन के बारे में पर्याप्त जानकारी नहीं है।
इन सबके बीच चुचलिन के इस्तीफे से पता चलता है कि वैक्सीन 'स्पुतनिक 5' को देश के भीतर भी आलोचना का सामना करना पड़ा है। मेलऑनलाइन की रिपोर्ट में यह भी कहा गया कि प्रोफेसर अलेक्जेंडर चुचलिन के इस्तीफे का कोई विशेष कारण नहीं बताया गया।
हालांकि, छोड़ने से कुछ समय पहले, एक विज्ञान पत्रिका 'नौका आई झिज्न' को दिए साक्षात्कार में चुचलिन ने किसी भी दवा या वैक्सीन को मंजूरी देने से पहले सुरक्षा सुनिश्चित करने के महत्व को रेखांकित किया था। चुचलिन ने साक्षात्कार में कहा था, "एक दवा या वैक्सीन के मामले में, नैतिक समीक्षकों के रूप में सबसे पहले यह समझना चाहूंगा कि यह इंसानों के लिए कितना सुरक्षित है।"
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