'गुजरात मॉडल' में कोरोना में भी मुनाफाखोरी, इंजेक्शन से ऑक्सीजन तक की कालाबाजारी चरम पर

जैसे ही कोरोना संक्रमण में रेमडेसिवर इंजेक्शन के इस्तेमाल की खबर आई गुजरात में इसकी कालाबाजारी शुरू हो गई। इसका एक वायल 5 से 15 हजार रुपये तक में बिका। हद तो तब हो गई जब गुजरात बीजेपी अध्यक्ष सी.आर. पाटिल के पास बड़ी तादाद में रेमडेसिवर इंजेक्शन पाई गई।

फोटोः सांकेतिक
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नचिकेता देसाई

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक दफा कहा था कि उनके खून में व्यापार है। इसलिए कोई हैरत नहीं कि उनके बनाए गुजरात मॉडल में कोरोना वायरस का कहर बढ़ते ही अस्पतालों में ऑक्सीजन और इंजेक्शन की किल्लत होने लगी, लेकिन बाहर में दोगुने-तीगुने दाम पर आसानी से खुलेआम बिक रहा है। इस तरह गुजरात मॉडल ने आपदा को अवसर में बदल लिया।

जैसे ही कोरोना संक्रमण में रेमडेसिवर इंजेक्शन के इस्तेमाल की खबर आई गुजरात में इसकी कालाबाजारी जोर-शोर से होने लगी। जबकि गुजरात में इसका एक वायल 5 से 15 हजार रुपये तक में बिक रहा है। हद तो तब हो गई जब गुजरात बीजेपी अध्यक्ष सी.आर. पाटिल उन लोगों को यह इंजेक्शन मुफ्त में बांट रहे हैं जो बीजेपी कार्यकर्ताओं से टोकन लेकर आ रहे हैं।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक दफा कहा था कि ‘मेरे खून में व्यापार है।’ मोदी का एक और बहुचर्चचित सूत्र है- ‘आपदा को अवसर में बदलो।’ यह वैसे आम व्यापारियों की सोच है जो संकट के वक्त भी सिर्फ लाभ उठाने की फिराक में रहते हैं। इसलिए कोई हैरत नहीं कि गंभीर रूप से कोरोना संक्रमितों की संख्या में हाल के दिनों में तेज वृद्धि हुई, तो इस कठिन माहौल में गुजरात के ऑक्सीजन व्यापारियों ने प्रति सिलेंडर कीमत में 60 प्रतिशत तक की वृद्धि कर आपदा को अवसर में बदल लिया।


इसी तरह जैसे ही हलके संक्रमण की स्थिति में रेमडेसिवर इंजेक्शन के इस्तेमाल का सुझाव दिया गया, इसकी कालाबाजारी जोर-शोर से होने लगी। लगभग पूरे देश में तो यह गायब ही हो गया, जबकि गुजरात में इसका एक वायल 5 से 15 हजार रुपये में बिक रहा है। गुजरात बीजेपी के अध्यक्ष सी.आर. पाटिल सूरत के पार्टी कार्यालय से उन लोगों को यह इंजेक्शन मुफ्त में बांट रहे हैं जो बीजेपी कार्यकर्ताओं से टोकन लेकर आ रहे हैं। स्थिति यह है कि गुजरात की दवा दुकानों से रेमडेसिवर गायब हो गया है लेकिन पाटिल को 5,000 वायल मिल जाते हैं। पत्रकारों द्वारा पूछे जाने पर कहते हैं कि उन्हें ये वायल उनके दोस्तों से मिले हैं।

नरेंद्र मोदी की ही तरह चंद्रकांत रघुनाथ पाटिल (सीआर पाटिल) के भी खून में व्यापार है और वह भी विपरीत माहौल को अवसर में बदलने में माहिर हैं। सक्रिय राजनीति में आने से पहले वह गुजरात पुलिस में कांस्टेबल थे। गैरकानूनी तरीके से शराब के व्यापार में लिप्त लोगों से साठगांठ के आरोप में उन्हें सस्पेंड कर दिया गया था। कोऑपरेटिव बैंक का लोन नहीं चुका पाने के कारण उन्हें जेल की भी हवा खानी पड़ी थी।


हाल ही में रेमडेसिवर इंजेक्शन की जमाखोरी के आरोप में अहमदाबाद, वड़ोडरा, सूरत और राजकोट से बीजेपी के संपर्क वाले कालाबाजारियों को गिरफ्तार किया गया था। और इससे बड़ी विडंबना क्या होगी कि इस जीवनरक्षक दवा को बेचने का गोरखधंधां सरदार वल्लभभाई पटेल अस्पताल से चलने की बात सामने आई थी।

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