कोरोना: देश भर में जमातियों की तलाश जारी, अब तक 2000 की हुई पहचान, निजामुद्दीन मरकज से निकाले गए 2100 लोग
उन जमातियों को देश के अलग-अलग हिस्सों में ढूंढा जा रहा है जो निजामुद्दीन मरकज में आयोजित जलसे में शामिल हुए थे, क्योंकि ऐसे लोग दूसरे लोगों के लिए खतरनाक साबित हो सकते हैं। इनके संपर्क में आने से दूसरे लोगों को कोरोना वायरस हो सकता है।
कोरोना लॉकडाउन के बावजूद दिल्ली के निजामुद्दीन मरकज में धार्मिक आयोजन और उसके बाद वहां मौजूद बड़ी संख्या में लोगों में कोरोना की पुष्टि होने के बाद हड़कंप मचा हुआ है। केस दर्ज कर दिल्ली पुलिस पूरे मामले की जांच कर रही है। खबरों के मुताबिक, मरकज से देर रात भी जमातियों को बसों में भरकर क्वारंटाइन में ले जाया गया। सुबह 4 बजे तक 2100 लोगों को मरकज से निकाला गया। हालांकि, मरकज का दावा था कि अंदर सिर्फ एक हजार लोग थे।
दिल्ली पुलिस की ओर से जारी लिस्ट में मरकज से जुड़े 157 लोगों का जिक्र है, जो दिल्ली की अलग- अलग मस्जिदों और जगहों पर पनाह लिए हुए हैं। इनमें 94 इंडोनेशिया, किर्गिस्तान के 13, बांग्लादेश के 9 , मलेशिया के 8 , अल्जीरिया के 7, इटली, बेल्जियम और ट्यूनीशिया के एक-एक लोग शामिल हैं। बाकी भारतीय हैं। खबरों के मुताबिक, दो हजार से ज्यादा ऐसे जमातियों की पहचान की गई है जो मरकज में आए थे।
पूरे मामले की जांच के बीच अब उन जमातियों को देश के अलग-अलग हिस्सों में ढूंढा जा रहा है जो निजामुद्दीन मरकज में आयोजित जलसे में शामिल हुए थे, क्योंकि ऐसे लोग दूसरे लोगों के लिए खतरनाक साबित हो सकते हैं। इनके संपर्क में आने से दूसरे लोगों को कोरोना वायरस हो सकता है।
दिल्ली से बिना किसी चिकित्सीय जांच के उत्तर प्रदेश में प्रवेश करने वाले तब्लीग मरजकज जमात में शमिल होने वाले लोगों की तलाश तेज हो गई है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश के बाद पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) एच.सी. अवस्थी ने पुलिस अधीक्षकों को मुस्तैद कर दिया है। इनकी तलाश कर अब सभी को वहीं तत्काल क्वारंटाइन किया जाएगा, जहां पर यह लोग मिल रहे हैं। बिजनौर, बागपत, सहारनपुर, शामली तथा मुजफ्फरनगर से काफी लोग मिले हैं।
पुलिस के सूत्रों के मुताबिक, निजामुद्दीन मरकज से विदेशी नागरिक लखनऊ के अमीनाबाद के मरकज में प्रचार-प्रसार करने गए थे। सभी विदेशी कजाकिस्तान के हैं। लखनऊ में लॉकडाउन के बाद भी कैसरबाग की मरकजी मस्जिद मंगलवार को पुलिस कमिश्नर, कमिश्नर और डीएम पहुंचे थे।
यहां पर किर्गिस्तान के आधा दर्जन नागरिकों के रुके होने की सूचना थी। यहां पर सभी सभी वैध वीजा के साथ रुके थे। इनको मेडिकल जांच के लिए भेजा गया है। सूत्रों के अनुसार, सभी विदेशी नागरिकों की मेडिकल जांच कराई जा रही है। इन्हें आइसोलेशन में रखा जा रहा है। यही नहीं, मड़ियांव और काकोरी इलाके की मस्जिदों में भी कई विदेशी नागरिकों के रुके होने की खबर है। मंडियांव में 17 बांग्लादेशी नागरिकों के रुके होने की सूचना है।
सीएमओ डॉक्टर नरेंद्र अग्रवाल ने बताया कि अभी तीन लोग ऐसे मिले हैं। इनके सैंपल लिए गए हैं। इन्हें लोकबंधु अस्पताल में क्वारंटीन के लिए भेजा जा रहा है। इनसे पुलिस अन्य लोगों के बारे में पूछताछ कर रही है। इनके जरिए यह पता लगाया जा रहा है कि कितने लोग आए और कब से यहां हैं। पुलिस इनके बारे में सूचना न देने वालों के खिलाफ कार्रवाई भी करेगी। हालांकि अभी इस मामले में कुल कितने लोग पकड़े जा चुके हैं, इसका कोई आधिकारिक आंकड़ा जारी नहीं किया गया है।
सूत्रों के अनुसार, संभल जिले के स्वास्थ्य विभाग को इनपुट मिला है कि दिल्ली की जिस तब्लीगी जमात में बड़ी संख्या में लोग कोरोना आशंकित मिले हैं, उनमें 20 लोग संभल के भी शामिल थे। मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ़ अमिता सिंह ने बताया, "हम सतर्क हैं और जल्दी ही उन लोगों को तलाश लिया जाएगा।"
इस मामले में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की गंभीरता का अंदाजा इसी से लग जाता है कि वह आगरा तथा मेरठ का दौरा रद्द कर लखनऊ पहुंचे और अधिकारियों के साथ बैठक कर उनको निर्देश दिया।
दिल्ली के निजामुद्दीन मरकज में आयोजित जलसे में उत्तर प्रदेश के 19 जिलों के 157 लोग शामिल हुए थे। इनमें शामिल तेलंगाना के दस लोगों की कोरोना से मौत के बाद हाहाकार मच गया। इसमें विदेश से भी बड़ी संख्या में लोग एकत्र हुए थे। चार दिन के जलसे में विदेशी बिना जांच के शामिल होने में सफल रहे थे।
(आईएएनएस के इनपुट के साथ)
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