कोरोना: अगर आप जा रहे हैं हरियाणा, 3 दिन से ज्यादा रुकने का है प्लान तो जान लें ये नियम, वरना हो जाएंगे परेशान!

हरियाणा सरकार ने अन्य राज्यों से आने वाले व्यक्तियों के तीन दिन से अधिक के ठहराव के लिए अंतरराज्यीय आवाजाही को विनियमित करने का निर्णय लिया है। सरकार के मुताबिक, 3 दिन से अधिक के ठहरने वाले सभी यात्रियों को सरकार के पोर्टल पर स्व-पंजीकरण करवाना होगा।

फोटो: सोशल मीडिया
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धीरेंद्र अवस्थी

हरियाणा में कोरोना की गंभीर होती स्थितियों के बीच अब यहां बाहर से आने वाले लोगों के निर्बाध आवागमन पर बंदिश लगा दी गई है। सरकार ने इस बाबत सख्‍त नियम बनाते हुए तीन दिन से अधिक के लिए यहां आने वाले यात्रियों को सरकार के पोर्टल पर अपना पंजीकरण करवाना अनिवार्य कर दिया है। राज्‍य में आने वाले कारोबारियों को, जिनसे वह मिलना चाहते हैं, उनका पूरा विवरण, अपनी डिटेल और वापसी की तिथि भी बतानी होगी। इन दिशा-निदेर्शों का उल्‍लंघन करने वालों के खिलाफ आपदा प्रबंधन अधिनियम के तहत सजा व कानूनी कार्रवाई होगी।

हरियाणा सरकार ने अन्य राज्यों से आने वाले व्यक्तियों के तीन दिन (72 घंटे) से अधिक के ठहराव के लिए अंतरराज्यीय आवाजाही को विनियमित करने का निर्णय लिया है। एक सरकारी प्रवक्ता ने वीरवार को बताया कि अब तीन दिन (72 घंटे) से अधिक के ठहराव के लिए हरियाणा में प्रवेश करने वाले सभी यात्रियों को सरकार के पोर्टल पर स्व-पंजीकरण करवाना होगा। साथ ही आरोग्य सेतु एप डाउनलोड करना अनिवार्य होगा। उन्हें इस पोर्टल पर अपना नाम, पता और मोबाइल नंबर दर्ज करना होगा। परिवार को छोड़क़र, कई पंजीकरणों के लिए एक ही मोबाइल नंबर के प्रयोग की अनुमति नहीं होगी। कारोबारी आगंतुकों को अपना विवरण देना होगा और वापसी की तिथि बतानी होगी। इसके अलावा, उन्हें प्रदेश में उन लोगों का नाम, मोबाइल नंबर और पता भी दर्ज करवाना होगा, जिनसे वे मिलना चाहते हैं। प्रदेश में आने वाले आगंतुक अपने रिश्तेदारों और दोस्तों आदि के पास रुक सकते हैं। ऐसी स्थिति में आगंतुकों की मेजबानी करने वाले व्यक्ति को तत्काल उनके पहुंचने वाले दिन ही पोर्टल पर उनका विवरण दर्ज करवाना होगा।


प्रवक्‍ता ने बताया कि होटलों, अतिथि गृहों, कारपोरेट गेस्ट हाउसेज, सरकारी विश्राम गृहों और धर्मशालाओं आदि के प्रबंधन द्वारा बाहर से आकर उनके पास ठहरने वाले आगंतुकों का विवरण उनके पहुंचने के बाद तुरंत पोर्टल पर दर्ज करना होगा। पारगमन यात्रियों (ट्रांजिट ट्रैवलर्स) को वह पता मुहैया करवाना होगा, जहां वे ठहरना चाहते हैं और हरियाणा में एंट्री चेक पोस्ट का उल्लेख करना होगा। उन्हें अपनी और परिवार के सदस्यों की कोविड हिस्ट्री, अगर कोई है, का विवरण देना होगा। पंजीकरण की औपचारिकताएं पूरी करने के बाद उन्हें एक आईडी नंबर मिलेगा, जिसका इस्तेमाल आवश्यकता पड़ऩे पर पंजीकरण प्रमाण के तौर पर किया जा सकता है। हरियाणा में प्रवेश करने वाले व्यक्ति द्वारा कंपेटिबल मोबाइल फोन पर आरोग्य सेतु एप इंस्टाल करने और इस पर अपना हेल्थ स्टेटस अपडेट करने का प्रमाण दिखाना होगा।

प्रवक्ता ने बताया कि ऐसे लोगों की बॉर्डर चेक-पोस्ट, रेलवे स्टेशन और बस अड्डों पर स्वास्थ्य जांच की जाएगी। इसके अलावा, जिला, शहर या गांव, जैसा भी मामला हो, जहां वह व्यक्ति जाना चाहता है, के प्रवेश बिंदु पर भी इसी तरह स्वास्थ्य जांच की जाएगी। अगर किसी राज्य से आने वाले व्यक्ति में कोविड-19 के लक्षण पाए जाते हैं तो उसे नजदीकी स्वास्थ्य सुविधा पर रिपोर्ट करनी होगी और चिकित्सीय गंभीरता का आकलन करवाना होगा। अगर जांच के बाद वह पॉजिटिव पाया जाता है तो उसे मामले की गंभीरता के आधार पर होम आइसोलेशन, कोविड केयर सेंटर या समर्पित कोविड अस्पताल में भेज दिया जाएगा। अगर वह नेगेटिव पाया जाता है तो आगे किसी भी तरह की जांच या सेल्फ आइसोलेशन की आवश्यकता नहीं होगी।


उन्होंने बताया कि अगर आगंतुक में कोविड-19 के लक्षण नहीं पाए जाते हैं तो उसे सात दिन तक स्वत: निगरानी रखनी होगी। इस दौरान उसमें कोई लक्षण पाया जाता है तो उसे जिला निगरानी अधिकारी या राज्य अथवा राष्ट्रीय कॉल सेंटर या हेल्पलाइन नंबर पर इसकी सूचना देनी होगी। गुरुग्राम के मामले में अलग हेल्पलाइन नंबर 1950 है। अगर स्व-निगरानी के दौरान उनमें लक्षण दिखाई देते हैं तो जांच करवानी होगी और लक्षणयुक्त कोविड रोगियों के लिए निर्दिष्ट प्रक्रिया का पालन करना होगा।

सरकार के प्रवक्ता ने बताया कि कारोबार या व्यापार से जुड़ी गतिविधियों हेतु तीन दिन की अवधि के लिए हरियाणा आने वाले सभी व्यक्तियों तथा अपनी कार्यालय ड्यूटी या कारोबारी गतिविधियों के चलते दैनिक आधार पर हरियाणा आने वाले लोगों को ऊपर दिए गए क्वारंटीन नियमों की प्रक्रिया का पालन करने की आवश्यकता नहीं है, जब तक कि इस अवधि के दौरान उनमें लक्षण दिखाई न दें।

इन दिशा-निर्देशों के उल्लंघन के मामले में पुलिस को सूचना देने की जिम्मेवारी जिला प्रशासन, व्यापारिक प्रशासन, मेयर, पार्षद, सरपंचों और पंचों की होगी। इसके अलावा, जनसाधारण और रेजिडेंट वेल्फेयर एसोसिएशंस को सलाह दी गई है कि वह किसी व्यक्ति का पंजीकरण न होने की स्थिति में हेल्पलाइन नंबर पर पुलिस को सूचित करें।

इन दिशा-निर्देशों का उल्लंघन करने वाले व्यक्ति को आपदा प्रबंधन अधिनियम, 2005 की धारा 51 से 60 के प्रावधानों के अनुसार, सजा हो सकती है। इसके अलावा भारतीय दंड संहिता की धारा 188 और इस मामले में लागू अन्य कानूनी प्रावधानों के तहत कानूनी कार्रवाई की जा सकती है।

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Published: 19 Jun 2020, 10:31 AM