कोरोना वायरस: हरियाणा के ये 7 जिले पूरी तरह लॉकडाउन, सिर्फ इन सेवाओं का ही ले सकेंगे लाभ 

कोरोना वायरस के बढ़ते प्रभाव को लेकर हरियाणा के फरीदाबाद, गुरुग्राम, सोनीपत, पानीपत, झज्जर, रोहतक और पंचकूला जिलों को लॉक डाउन कर दिया गया है। इन जिलों में 22 मार्च की रात नौ बजे से 31 मार्च तक लॉक डाउन लागू रहेगा।

फोटो: सोशल मीडिया
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नवजीवन डेस्क

देश भर में कोरोना वायरस तेजी से फैलता जा रहा है। देश मे एक दिन में इस संक्रमण से मुंबई, पटना और सूरत में तीन मौत हो चुकी हैं। वहीं कोरोना वायरस के बढ़ते मामलों को देखते हुए 6 राज्यों के 93 जिलों को लॉकडाउन किया गया है। इसमें हरियाणा भी शामिल है। कोरोना वायरस के बढ़ते मामलों को देखते हुए हरियाणा सरकार ने प्रदेश के साथ जिलों को लॉकडाउन कर दिया है। ये सभी जिले 31 मार्च तक लॉकडाउन रहेंगे। इन जिलों में आम गतिविधियां बंद रहेंगी।

हरियाणा के फरीदाबाद, गुरुग्राम, सोनीपत, पानीपत, झज्जर, रोहतक और पंचकूला जिलों को लॉक डाउन कर दिया गया है। इन जिलों में 22 मार्च की रात 9 बजे से 31 मार्च तक लॉक डाउन लागू रहेगा। लॉकडाउन के दौरान सिर्फ जरूरी सेवाएं मिलेंगी। जरूरी सेवाओं में खाद्यान्न, सब्जियां, किराना, मेडिकल स्टोर खुले रह सकते हैं।


हरियाणा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग के एक प्रवक्ता ने बताया कि लॉकडाउन के संबंध में आदेश जारी कर दिए गए हैं। उन्‍होंने बताया कि हरियाणा में दो अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे, आईजीआई हवाई अड्डा, नई दिल्ली और चंडीगढ़ अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा है। राज्‍य में 6600 से अधिक व्यक्ति कोरोना को लेकर निगरानी में हैं, इसलिए कोविड-19 के प्रसार को रोकने के लिए कड़े उपायों को अपनाना अत्यावश्यक है।

विभाग ने बताया कि कोरोना के अधिकांश संदिग्‍धों में गुरुग्राम, फरीदाबाद, सोनीपत, पानीपत, झज्जर, रोहतक, पंचकूला आदि से हैं। इसीलिए इन क्षेत्रों में रविवार यानि 22 मार्च से 31 मार्च, 2020 तक लागू विभिन्न प्रतिबंधों के तहत टैक्सी, ऑटो-रिक्शा के संचालन सहित किसी भी तरह की सार्वजनिक परिवहन सेवाओं की अनुमति नहीं होगी। अस्पताल, हवाई अड्डा, रेलवे स्टेशन आदि से परिवहन अपवाद होगा। इसी प्रकार सभी दुकानें, वाणिज्यिक प्रतिष्ठान, कार्यालय और कारखाने, कार्यशालाएं, गोदाम आदि के संचालन को बंद कर दिया गया है।


प्रवक्ता ने बताया कि विदेश से आने वाले सभी व्यक्तियों को निर्देशित किया गया है कि वह स्थानीय स्वास्थ्य अधिकारियों की ओर से तय की गई अवधि में घर पर ही क्वारनटाईन में रहें। लोगों को घर पर रहने और केवल आवश्‍यक चीजों के लिए ही बाहर आने की आवश्यकता है तथा पहले से जारी सोशल डिस्टेंसिंग दिशानिर्देशों का सख्ती से पालन करना होगा। हालांकि, आवश्यक सेवाएं प्रदान करने वाले विभिन्न प्रतिष्ठानों को इन प्रतिबंधों से बाहर रखा जाएगा। इन जिलों में विभिन्न प्रतिबंधों के अलावा पूरे राज्य में सभी अंतरराज्यीय बस सेवाएं निलंबित रहेंगी। सभी उपायुक्त कोविड-19 प्रकोप को लेकर अपने जिलों में नियंत्रण कक्ष स्थापित करेंगे। आवश्‍यक सेवाओं के संबंध में कलेक्टर और जिला मजिस्ट्रेट निर्णय लेने के लिए सक्षम प्राधिकारी होंगे।

प्रवक्ता ने बताया कि पुलिस कमिश्नर, कलेक्टर, डीएम, एडीएम, डीसीपी, एसडीएम, तहसीलदार, नायब तहसीलदार, बीडीपीओ, नगर निगम आयुक्त, कार्यकारी अधिकारी, शहरी स्थानीय निकायों के सचिव, एसएचओ पूर्वोक्त उपायों को लागू करने के लिए सभी आवश्यक कार्रवाई करने हेतु अधिकृत हैं। स्थानीय पुलिस उपरोक्त अधिकारियों की ओर से अपेक्षित और आवश्यक सहायता प्रदान करेगी। किसी भी व्यक्ति को, जो रोकथाम के उपायों का उल्लंघन करते हुए पाया गया है, उसे भारतीय दंड संहिता की धारा 188 (1860 का 45) के तहत दंडनीय अपराध माना जाएगा। पूर्व में लगाए गए प्रतिबंध राज्य के बाकी हिस्सों में लागू रहेंगे। उन्होंने बताया कि किसी भी संदेह के मामले में राज्य सरकार आवश्यक निर्देश व स्पष्टीकरण जारी करेगी।

(धीरेंद्र अवस्थी के इनपुट के साथ)

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