बढ़ते जा रहे हैं भारत में कोरोना के शिकार, 672 की मौत के साथ 20 हजार के पार हुआ संक्रमितों का आंकड़ा
देश में कोरोना की जांच में संसाधनों की कमी लगातार आड़े आ रही है। इस बीच काफी भरोसे के साथ चीन से मंगाए गए रैपिड टेस्टिंग किट के गलत नतीजों से कोरोना से लड़ाई को बड़ा झटका लगा है। अब जब तक आईसीएमआर स्थिति साफनहीं करता, कोरोना की जांच प्रक्रिया थमी रहेगी।
भारत में कोरोना वायरस से संक्रमित लोगों का आंकड़ा 20 हजार के पार पहुंच गया है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने बुधवार को आधिकारिक जानकारी में कहा कि देश में कोविड-19 संक्रमण के कुल मामले 21,125 पहुंच गए हैं। जबकि महामारी के चलते देश में अब तक कुल 672 लोगों की मौत हो गई है। देश में कोरोना वायरस की रिकवरी दर 19.36 प्रतिशत है और वायरल संक्रमण से अब तक कुल 4,193 मरीज ठीक भी हुए हैं।
स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, कोरोना से 269 मौतों सहित कुल 5,649 मामलों के साथ महाराष्ट्र महामारी से सबसे अधिक प्रभावित राज्यों की सूची में शीर्ष स्थान पर बना हुआ है। वहीं, गुजरात में कुल संक्रमण के 2,407 मामलों में से 95 मौतें देखने को मिली हैं। तीसरे स्थान पर 47 मौतों और कुल 2156 दर्ज मामलों के साथ राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली है। अन्य राज्यों की बात करें तो राजस्थान में 1,868, तमिलनाडु में 1,629, उत्तर प्रदेश में 1,412 और मध्यप्रदेश में कुल 1,592 संक्रमण के मामले सामने आए हैं।
इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (आईसीएमआर) ने कहा है कि उसने सभी राज्यों में तेजी से एंटीबॉडी परीक्षण का उपयोग करने के लिए एक प्रोटोकॉल को आगे बढ़ाया है। इसने अपनी बात को दोहराते हुए कहा कि एंटीबॉडी रैपिड टेस्ट्स को बड़े पैमाने पर निगरानी के लिए एक उपकरण के रूप में उपयोग में लाया जा रहा है।
इस बीच काफी भरोसे के साथ चीन से मंगाए गए रैपिड टेस्टिंग किट के गलत नतीजों से कोरोना से लड़ाई को बड़ा झटका लगा है। फिलहाल आईसीएमआर ने इसके उपयोग पर रोक लगा दी है। अब जब तक आईसीएमआर स्थिति स्पष्ट नहीं करता, कोविड-19 की जांच प्रक्रिया रूकी रहेगी। देश में कोरोना की जांच में संसाधनों की कमी लगातार आड़े आ रही है। विशेषज्ञ लगातार जांच बढ़ाने की मांग कर रहे हैं, जिससे संक्रमितों की पहचान कर उनका इलाज किया जा सके और दूसरों को संक्रमित होने से बचाया जा सके। लेकिन इस दिशा में फिलहाल निराशा मिली है।
(आईएएनएस के इनपुट के साथ)
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