बिहार में भी कोहराम मचा रहा कोरोना, 8 दिनों में चार गुना बढ़ गए एक्टिव मरीज
बिहार में कोरोना संक्रमितों की बढ़ती संख्या अब लोगों को डराने लगी है। प्रतिदिन मिलने वाले संक्रमितों की संख्या पिछले दिनों एक दिन में मिले संक्रमितों की संख्या का रिकार्ड तोड़ रही है, जिससे एक्टिव मरीजों की संख्या में भी वृद्धि देखी जा रही है।
बिहार में कोरोना संक्रमितों की बढ़ती संख्या अब लोगों को डराने लगी है। प्रतिदिन मिलने वाले संक्रमितों की संख्या पिछले दिनों एक दिन में मिले संक्रमितों की संख्या का रिकार्ड तोड़ रही है, जिससे एक्टिव मरीजों की संख्या में भी वृद्धि देखी जा रही है। पिछले आठ दिनों में संक्रमितों की संख्या में चार गुना वृद्धि हुई है।
राज्य में चार अप्रैल को एक्टिव मरीजों की संख्या 3,560 थी, जो 11 अप्रैल को बढकर 14,695 पहुंच गई है। सरकार द्वारा संक्रमितों की संख्या कम करने के लिए जो उपाय किए गए हैं वह नाकाफी साबित हो रहे हैं।
स्वास्थ्य विभाग द्वारा जारी आंकड़ों पर गौर करें, तो संक्रमितों की संख्या बढ़ने के साथ-साथ एक्टिव मरीजों की संख्या भी बढ़ रही है। बिहार में चार अप्रैल को 864 संक्रमितों की पहचान हुई थी, जबकि उस दिन 245 संक्रमित लोग संक्रमणमुक्त भी हुए थे। राज्य में इस दिन एक्टिव मरीजों की संख्या 3,560 थी। इसके बाद लगातार संक्रमित मरीजों के मिलने की रफ्तार तेज होती गई।
आंकड़ों के मुताबिक, पांच अप्रैल को राज्य में कुल 4,143 एक्टिव मरीज थे, जबकि एक दिन बाद ही छह अप्रैल को एक्टिव मरीजों की संख्या बढ़कर 4,954 हो गई। इसी तरह सात अप्रैल को 1,527 नए संक्रमितों की पहचान की गई, जिससे एक्टिव मरीजों की संख्या बढकर 5,925 तक पुहंच गई। आठ अप्रैल को कोरोना के एक्टिव मरीजों की संख्या 7,504 तथा नौ अप्रैल को यह संख्या बढकर 9,357 तक पहुंच गई। 10 अप्रैल को राज्य में एक्टिव मरीजों की संख्या 11,998 तक पहुंच गई।
11 अप्रैल को राज्य में 3,756 नए कोरोना संक्रमितों की पहचान की हुई थी, जबकि इस दिन 1,053 कोरोना मरीज स्वस्थ हुए थे। राज्य में रविवार को एक्टिव मरीजों की संख्या 14,695 तक पहुंच गई।
इस बीच, रिकवरी रेट में लगातार गिरावट दर्ज की जा रही है। पिछले दिनों 98 प्रतिशत से ज्यादा रिकवरी रेट प्राप्त करने वाले बिहार में रिकवरी रेट रविवार को गिरकर 94.24 प्रतिशत तक आ गया है।
इधर, एक्टिव मरीजों की संख्या में हो रही लगातार वृद्धि के कारण अस्पताल में बेड भी कम पड़ने लगे हैं। नए कोरोना मरीजों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। इस बीच, केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन से एम्स, पटना को अविलंब कोरोना के लिए समर्पित अस्पताल के रूप में घोषित करने का आग्रह किया है। उन्होंने कहा कि पूर्व में वहां के डॉक्टर एवं तमाम स्वास्थ्यकर्मी ने बहुत लग्न से कार्य किया था, जिसकी चर्चा भी हुई थी।
पटना साहिब के सांसद प्रसाद ने बिहार के स्वास्थ्य मंत्री मंगल पाण्डेय से भी आग्रह किया कि पटना मेडिकल कॉलेज अस्पताल और नालन्दा मेडिकल कॉलेज अस्पताल में कोरोना के बेड की संख्या बढ़ाई जाए और ऑक्सीजन, दवा आदि की उचित व्यवस्था की जाए। साथ ही उन्होंने पटना में कोरोना की जांच (टेस्टिंग) के अभियान को और तेज करने का आग्रह किया।
उल्लेखनीय है राजधानी पटना में कोरोना संक्रमितों की संख्या में लगातार वृिद्ध हो रही है। रविवार को मिले 3756 मरीजों में 1382 मरीज पटना के हैं।
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