पटनाः पुलिस लाइन में मुस्लिम डीएसपी की मॉब लिंचिंग की कोशिश, शराब माफिया पर साजिश का आरोप

महिला ट्रैफिक सिपाही की इलाज के दौरान मौत का बहाना बनाकर ट्रेनी सिपाहियों ने पटना पुलिस लाइन में तैनात एक मुस्लिम डीएसपी पर जानलेवा हमला कर दिया। इस दौरान सिपाहियों ने उनके क्वार्टर में घुसकर परिवार पर भी हमला किया, जिसमें उनकी बेटी को भी गंभीर चोटें आई हैं।

फोटोः सोशल मीडिया
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नवजीवन डेस्क

बिहार की राजधानी पटना के पुलिस लाइन में शुक्रवार को ट्रेनी सिपाहियों ने जमकर बवाल काटा। इस दौरान सिपाहियों ने पुलिस लाइन डीएसपी मसलेहुद्दीन अहमद पर जानलेवा हमला कर उन्हें गंभीर रूप से घयाल कर दिया। सिपाहियों ने डीएसपी को लाठी-डंडों से बेरहमी से पीटा जिसमें उनका सिर फट गया है। इतना ही नहीं जान बचाकर भागे डीएसपी का पीछा करते हुए सिपाहियों का झुंड उनके क्वार्टर में जबरन दरवाजा तोड़कर घुस गया और उनके परिवार पर भी हमला कर दिया, जिसमें उनकी बेटी को काफी चोटें आई हैं। इस दौरान उन्मादी सिपाहियों ने पूरे घर में जमकर तांडव किया और पूरे घर को तहस-नहस कर दिया। घर के बाहर लगी सरकारी गाड़ी के साथ ही कई निजी गाड़ियों को भी बुरी तरह क्षतिग्रस्त कर दिया गया है।

हमले में डीएसपी मसलेहुद्दीन अहमद का सिर फट गया है और शरीर में कई जगह गंभीर चोटें आई हैं। फिलहाल उनका इलाज चल रहा है। परिवार ने आरोप लगाया है कि कुछ लोगों ने साजिश के तहत उन पर हमला करवाया है। क्योंकि मसलेहुद्दीन अहमद पुलिस लाइन के डीएसपी हैं। उनका ट्रैफिक से कोई लेना-देना नहीं है। ट्रैफिक के सारे अधिकारी अलग होते हैं। परिवार का आरोप है कि हमले के दौरान सिपाहियों की उन्मादी भीड़ धर्मसूचक गालियां दे रही थी। इसी तरह का आरोप हमले में बाल-बाल बचे डीएसपी अहमद ने भी लगाया है। घटना के वीडियो में साफ देखा जा सकता है कि उन्मादी सिपाही किस तरह के अपमानजनक शब्दों का उपयोग करते हुए उन्हें पीट रहे हैं।

वहीं इस घटना के पीछे साजिश की भी बात की जा रही है। बताया जा रहा है कि पटना पुलिस लाइन के आसपास पुलिस एसोसिएशन के नेताओं के संरक्षण में शराब माफिया काफी सक्रिय थे। बीते दिनों डीएसपी अहमद ने पुलिस लाइन में शराब माफिया का उद्भेदन कर उन पर कार्रवाई की थी। इस मामले में आरोपी सिपाही नेता पर कार्रावई करते हुए उच्चाधिकारियों ने सेवा से बर्खास्त कर दिया था। इसके बाद हाल के दिनों में फिर से वहां पर शराब माफिया के सक्रिय होने और पुलिस लाइन के अंदर शराब बेचे जाने का उद्भेदन करते हुए डीएसपी अहमद ने सख्त कार्रवाई करते हुए कई लोगों को जेल भेजा था। इस दौरान डीएसपी अहमद ने शराब माफियाओं को सीधी चेतावनी दी थी कि पुलिस लाइन के अंदर ये बर्दाश्त नहीं किया जाएगा और इसमें शामिल किसी को भी नहीं छोड़ा जाएगा।

बताया जा रहा है कि डीएसपी अहमद की इसी सख्त कार्रवाई की वजह से शराब माफिया और उन्हें संरक्षण देने वाले पुलिस लाइन के कुछ सिपाही उनसे नाराज थे। शुक्रवार के दिन महिला सिपाही की मौत के बहाने उन्होंने डीएसपी अहमद को जान से मारने की कोशिश की। डीएसपी मसलेहुद्दीन अहमद एक ईमानदार और सख्त अधिकारी माने जाते रहे हैं। पूर्व में उन्हें राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम द्वारा राष्ट्रपति पदक से भी सम्मानित किया जा चुका है। इससे पहले वह एसटीएफ में भी तैनात रह चुके हैं।

बता दें कि शुक्रवार की सुबह ट्रैफिक की एक ट्रेनी महिला सिपाही की डेंगू से अस्पताल में मौत होने से नाराज सिपाहियों ने पटना पुलिस लाइन में हंगामा शुरू कर दिया। आक्रोशित सिपाही छुट्टी नहीं देने का आरोप लगाकर पुलिस लाइन डीएसपी मसलेहुद्दीन अहमद के ऑफिस में घुस गए और उन्हें धर्मसूचक गालियां देकर हंगामा करने लगे। इसके बाद सिपाहियों ने उन्हें पीटना शुरू कर दिया। इस दौरान जिसे जो मिला उसी से वह डीएसपी अहमद पल टूट पड़ा। इस दौरान वहां से भागने की कोशिश में वह जमीन पर गिर गए तो सिपाहियों ने लातों से उन्हें रौंदने की कोशिश की। किसी तरह वह जान बचाकर वहां से भागकर अपने क्वार्टर पहुंचे तो पीछे से सैकड़ों की संख्या में सिपाही भी वहां पहुंच गए और परिवार पर हमला कर दिया। इस दौरान उनकी पत्नी और बेटी को भी काफी चोटें आई हैं।

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Published: 02 Nov 2018, 11:54 PM