कांग्रेस का केंद्र से सवाल- कश्मीर में हर इंसान खौफ के साये में जीने को मजबूर, सरकार ने ऐसी परिस्थिति बनने ही क्यों दी?
कांग्रेस नेता विवेक तन्खा ने शुक्रवार को टारगेट किलिंग को रोकने में सरकार की अक्षमता और घाटी से पंडितों के पलायन पर सवाल उठाया। तन्खा खुद एक कश्मीरी पंडित हैं।
कांग्रेस नेता विवेक तन्खा ने शुक्रवार को टारगेट किलिंग को रोकने में सरकार की अक्षमता और घाटी से पंडितों के पलायन पर सवाल उठाया। तन्खा खुद एक कश्मीरी पंडित हैं। एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए तन्खा ने कहा, "सरकार को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि अब कोई हत्या नहीं होनी चाहिए और सभी को सुरक्षित महसूस करना चाहिए।"
उन्होंने केंद्र सरकार से कहा कि कश्मीर के लोगों को यह विश्वास दिलाइए कि वे सुरक्षित हैं। उनकी सुरक्षा सुनिश्चित कीजिए। कश्मीर से पलायन मत होने दीजिए, क्योंकि यह पलायन देशहित में नहीं है। मैं उम्मीद करता हूं कि केंद्र सरकार शीघ्र सामने आएगी और कश्मीर मुद्दे पर क्या हो रहा है, हम सभी को बताएगी।
उन्होंने आरोप लगाया कि सरकारी कार्यालय सुरक्षित नहीं हैं और आतंकवादी अधिकारियों को निशाना बना रहे हैं। उन्होंने कहा, "घाटी छोड़ने वाले लोगों की जो तस्वीरें सामने आई हैं, वे डरावनी हैं।" विवेक तन्खा ने कहा कि आज के समय में कश्मीर के सरकारी दफ्तर भी सुरक्षित नहीं हैं, वहां जाकर लोगों की हत्या की जा रही है। मेरी सरकार से अपील है कि कृपया उन्हें जल्दी से जल्दी सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाइए। उन्हें सुरक्षा मुहैया करवाइए।
कांग्रसे नेता ने कश्मीर में रह रहे लोगों की सुरक्षा पर चिंता जाहिर करते हुए कहा कि आज कश्मीर में हो रही टार्गेटेड हत्याएं अब सिर्फ कश्मीरी पंडितों तक सीमित नहीं रही हैं। कश्मीर में बाहर के 10,000 से अधिक लोग काम कर रहे हैं, जिनकी सुरक्षा की जिम्मेदारी सरकार की है। उन्होंने आगे कहा कि आतंकवादियों का सर्वनाश करना सरकार की जिम्मेदारी है। आप लोगों की भावनाओं से लगातार नहीं खेल सकते। आज कश्मीर में हर इंसान खौफ के साये में जीने को मजबूर है। वे सभी कश्मीर से बाहर जाना चाहते हैं। सरकार ने ऐसी परिस्थिति बनने ही क्यों दी?
विवेक तन्खा ने मोदी सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि पिछले 6-7 साल से कश्मीर में राज्यपाल या राष्ट्रपति शासन है, सीधा केंद्र सरकार का शासन है। 8 साल से आप केंद्र सरकार में हैं। अब आप अपनी जिम्मेदारियों से पीछे हटकर 1950 या 1960 में क्या हुआ, जैसे सवाल नहीं पूछ सकते। अब यह नहीं चलेगा ।
उन्होंने केंद्र से सवाल किया कि अब देश आपसे पूछना चाहता है कि आपने कश्मीर मुद्दे पर क्या ठोस कदम उठाए हैं? कश्मीर के विषय में आपका 'व्हाइट पेपर' कहां है? आप कहते हैं कश्मीर में शांति कायम होगी, लेकिन उसका रास्ता क्या है?
उन्होंने आगे कहा कि हमारे प्रधानमंत्री जी हर छोटी बात पर ट्वीट करते हैं, मैं उम्मीद करता हूं वे कश्मीर के लोगों के लिए भी ट्वीट करें। जब मैं कश्मीर कहता हूं तो मेरा मतलब सिर्फ कश्मीरी पंडितों से नहीं बल्कि कश्मीर के हर नागरिक से है। कश्मीर हमारा हिस्सा है।
राजस्थान के विजय कुमार, जो एक क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक (इलाकाई देहाती बैंक) में प्रबंधक थे, की गुरुवार को जम्मू-कश्मीर के कुलगाम जिले में आतंकवादियों ने गोली मारकर हत्या कर दी।कुमार कुलगाम जिले के एरिया गांव शाखा में एक क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक (इलाकाई देहाती बैंक) के प्रबंधक के रूप में कार्यरत थे।
इसी जिले में 31 मई को आतंकियों ने गैर स्थानीय शिक्षिका रजनी बाला की हत्या कर दी थी। वह जम्मू संभाग के सांबा जिले की रहने वाली थीं।
-आईएएनएस के इनपुट के साथ
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Published: 03 Jun 2022, 4:41 PM