सत्ता में आने के बाद सारे वादे भूले PM! मोदी सरकार ने कैसे देश की अर्थव्यवस्था को किया बर्बाद, कांग्रेस ने बताया
मोदी सरकार के ऐसे कई मुद्दे रहे हैं, जिन्हें लेकर भले ही उसने सत्ता हासिल की, लेकिन उन मुद्दों पर वह अब तक कामयाबी हासिल नहीं कर पाई है। महंगाई, बेरोजगारी, गिरती अर्थव्यवस्था समेत ऐसे कई मुद्दे हैं जिन्हें लेकिम मोदी सरकार आज 'कटघरे' में खड़ी है।
महंगाई, बेरोजगारी, अर्थव्यवस्था और ना जानें कितने ऐसे वादों की बदौलत सत्ता में आने वाली बीजेपी सरकार अब उन्हीं वादों को पूरा नहीं कर पा रही है। केंद्र की मोदी सरकार लगभग सभी मोर्चों पर फेल होती नजर आई है। एक ओर जहां कोरोना संकट के बीच बिना प्लान के लगाए गए लॉकडाउन से बोरोजगारी बढ़ी है, तो वहीं मोदी सरकार के इसी फैसले ने अर्थव्यवस्था की कमर तोड़ दी है। जिसका नतीजा ये रहा की इतिहास में पहली बार भारत में मंदी आई है। जो दुनिया भर में चर्चा का विषय रहा है।
मोदी सरकार द्वारा देश की अर्थव्यवस्था को पूरी तरह से तबाह कर दिया गया है। ऐसा हम नहीं बल्कि कांग्रेस की ओर से कहा जा रहा है। कांग्रेस ने भारत की बद से बदतर होती अर्थव्यवस्था को लेकर #BJPDestroysEconomy नाम से अभियान चलाया है। इस अभियान के जरिए कांग्रेस ने देश वासियों को बताया है कि यूपीए की सरकार और मौजूदा मोदी सरकार के राज में अर्थव्यवस्था का क्या हाल हैं।
'भाषण देने का अर्थ सरकार चलाना नहीं होता'
मोदी सरकार की विनाशकारी नीतियों का प्रभाव हर क्षेत्र की वृद्धि को संकुचित कर रहा है। हर क्षेत्र की वृद्धि के आंकड़े बयां कर रहे हैं कि भाषण देने का अर्थ सरकार चलाना नहीं होता। ग्राफिक्स के जरिए समझा जा सकता है कि कैसे मोदी सरकार के कार्यकाल में घरेलू स्कूटर, ट्रैक्टर, रेलवे का यात्री राजस्व और आयकार वृद्धि में यूपीए सरकार की तुलना में बढ़ौतरी देखी गई है। घरेलू स्कूटर की बिक्री यूपीए के दौर में 25.7 प्रतिशत थी, जबकि मोदी सरकार के कार्यकाल में ये घटकर 13.21 पर आ गई है।
वहीं घरेलू ट्रैक्टर की बिक्री यूपीए के समय 15.73 थी, लेकिन एनडीए के कार्यकाल में ये घटकर 4.49 रह गई है। ऐसा ही हाल रेलने का यात्री राजस्व का है जो UPA के समय 10.81 था लेकिन मौजूदा समय में ये भी घटकर 7.32 रह गया है। इतना ही नहीं आयकल वृद्धि भी यूपीए के कार्यकाल में 17.53 था, जो मौजूदा समय में घटकर 16.85 हो गया है।
मोदी सरकार की आर्थिक नीतियों ने देश की अर्थव्यवस्था को पस्त किया
पिछली दो तिमाहियों में देश की अर्थव्यवस्था नकारात्मक रही है। कांग्रेस ने मोदी सरकार पर निशाना साधते हुए कहा है कि अर्थव्यवस्था का अनर्थ करने वाली सरकार को देश कभी माफ नहीं करेगा। भारतीय अर्थव्यवस्था को लेकर भी कांग्रेस ने ग्राफिक्स भी शेयर किया है। जिससे आसानी से समझा जा सकता है कि मोदी सरकार के आने के बाद से देश की अर्थव्यवस्था मुंह के बल गिरी है।
महंगाई ने तोड़ी आम जनता की कमर!
यही नहीं गिरती अर्थव्यवस्था का सीधा असर बाजार में भी पड़ा। अचानक बढ़ी महंगाई ने आम जनता की कमर तोड़ दी। खाद्यान्न वस्तुओं के मूल्यों में लगातार वृद्धि हो रही है। ये तो साफ है कि मोदी सरकार महंगाई को नियंत्रण करने में विफल रही है, जिसके कारण देश की जनता महंगाई से त्रस्त है। कांग्रेस ने महंगाई को लेकर भी ग्राफिक्स के जरिए दोनों सरकार के कार्यकाल में अंतर समझाया है। जिसके मुताबिक यूपीए के कार्यकाल में टमाटर, आलू, सरसों का तेल समेत कई वस्तुओं के दाम मौजूदा मोदी सरकार के मुकाबले काफी कम थे।
मई 2014 जब देश में यूपीए की सरकार थी उस दौरान टमाटर के दाम महज 15 रुपये थे, जबकि पिछले महीने यानी नवंबर 2020 को ये टमाटर अचानक 'लाल' हो गए। जिसके दाम बढ़कर 43 हो गया। ऐसा ही हाल आलू का है जो सला 2014 में 25 रुपये किलो बिकता था, लेकिन आज जनता इसी आलू को 45 रुपये में खरीदने को मजबूर है। सरसों के तेल की बात करें तो यूपीए के दौर में ये 101 रुपये प्रति लीटर था, लेकिन आज इसी तेल का दाम बढ़कर 156 रुपये हो गया है।
दुनिया भर में ईंधन पर सबसे अधिक टैक्स का भुगतान करता है भारत
कांग्रेस ने बताया है कि मोदी सरकार की लूटनीति के कारण देश की जनता को दुनिया भर में ईंधन पर सबसे अधिक टैक्स का भुगतान करना पड़ता है। देश की जनता की जेब को टैक्स रूपी कैंची से काटा जा रहा है। इससे जुड़ा एक ग्राफिक्स भी कांग्रेस ने अपने ट्वीट में शेयर किया है जिसके मुताबिक भारत ईंधन पर सबसे ज्यादा टैक्स 69 प्रतिशत का भुगतान करता है।
रुपया अपनी अंतिम सांसे गिन रहा है
इसी तरह रुपया की गिरावट इतिहासिक गिरावट के रूप में सामने आ रही है। मोदी सरकार ने इस मुद्दे को भी चुनाव के दौरान अपना हथियार बनाया था। चुनाव प्रचार के दैरान उन्होंने कहा था कि भारतीय रुपया में यूपीए की सरकार में गिरावट देखी गई। हालांकि हकीकत क्या है ये भी आप इसी ग्राफिक्स के जरिए समझ सकते हैं। यूपीए के कार्यकाल में एक डॉलर के मुकाबले रुपये 58.9 पर था, जो आज दिसंबर 2020 में कमजोर होकर 73.65 हो गया है।
पेट्रोल-डीजल के दाम में लगी 'आग'!
देश में ना सिर्फ सब्जियों, ग्रोसरी के सामान के दाम बढ़े हैं बल्कि पेट्रोल-डीजल में भी हर रोज 'आग' लग रही है। मोदी सरकार के कार्यकाल में इसके दाम किस कदर बढ़ गए हैं इसका अंदाजा आप नीचे दिए गए आंकड़ों से लगा सकते हैं। जिस पेट्रोल और डीजल के दाम यूपीए के कार्यकाल यानी मई, 2014 में पेट्रोल- 71.41 और डीजल- 55.49 था, वही मोदी सरकार के कार्यकाल यानी दिसंबर 2020 को बढ़कर 90.34 औ डीजल के दाम बढ़कर 80.51 हैं।
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