एमएसपी पर पीएम का भाषण गुमराह करने वाला, आखिर लिखित गारंटी क्यों नहीं दे रहेः कांग्रेस
राज्यसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर चर्चा में पीएम मोदी के भाषण के बाद कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने तीनों नए कृषि कानूनों को लेकर उठाए गए मुद्दों पर बात करने की बजाय, तथ्यहीन बातें कर सदन को गुमराह करने का प्रयास किया।
कांग्रेस ने आज राज्यसभा में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लच्छेदार भाषण को गुमराह करने वाला करार देते हुए उन पर किसानों और देश के लोगों के साथ विश्वासघात करने का आरोप लगाया है। कांग्रेस ने कहा कि पीएम मोदी ने किसानों के मुद्दे पर सिर्फ घुमावदार भाषण दिया लेकिन समस्या के समाधान को लेकर कोई बात नहीं की। प्रधानमंत्री के एमएसपी था, एमएसपी है और एमएसपी रहेगा के दावे पर कांग्रेस ने सवाल उठाते हुए पूछा है कि आखिर वे लिखित में एमएसपी की गारंटी क्यों नहीं दे रहे हैं।
सोमवार को राज्यसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर चर्चा के दौरान प्रधानमंत्री मोदी के भाषण के बाद कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने तीनों नए कृषि कानूनों को लेकर उठाए गए मुद्दों पर बात करने की बजाय, तथ्यहीन बातें कर सदन को गुमराह करने का प्रयास किया। खड़गे ने संसद भवन के बाहर मीडिया से बात करते हुए कहा, “हमें उम्मीद थी कि प्रधानमंत्री विवादित कृषि कानूनों के खिलाफ जारी किसान आंदोलन को देखते हुए तीनों कानूनों को वापस लेने की बात करेंगे। वह संसद को भरोसे में लेकर और सभी संबंधित पक्षों से बातचीत कर नए कानून की पहल की बात करेंगे। लेकिन ऐसा उन्होंने नहीं किया।”
मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि किसान चाहते हैं कि एमएसपी की गारंटी कानून में हो। पीएम मोदी जब गुजरात के मुख्यमंत्री थे तो उस वक्त उन्होंने ही लिखित में कहा था कि किसानों को लिखित में एमएसपी की गारंटी मिलनी चाहिए। फिर आज वे खुद क्यों नहीं दे रहे हैं। खड़गे ने कहा कि प्रधानमंत्री कह रहे हैं कि लोग कानूनों को बिना पढ़े बातें कर रहे हैं, तो क्या हम लोग बिना पढ़े बोल रहे हैं? उन्होंने कहा कि सदन में प्रधानमंत्री के भाषण में कोई तथ्य नहीं था। वह सिर्फ राजनीतिक भाषण करते हैं और इस बार भी वही करके चले गए। उन्होंने आरोप लगाया कि पीएम ने सदन को गुमराह किया। किसानों की समस्याओं को सुलझाने को लेकर उन्होंने कोई बात नहीं की।
वहीं कांग्रेस के राज्यसभा सदस्य शक्ति सिंह गोहिल ने कहा कि दुख के साथ कहना पड़ रहा है कि आज प्रधानमंत्री ने जिस तरह से जवाब दिया है उससे देश के लोगों को शर्म आती है। उन्होंने पूछा, “क्या प्रधानमंत्री के पद पर बैठे व्यक्ति को संसद के भीतर इस तरह से मजाकिया बातें करनी चाहिए? कम से कम वह शहीद किसानों के लिए दो शब्द कह सकते थे। उन्होंने गरीबों-मजदूरों पर एक शब्द नहीं बोला। चीन पर भी उन्होंने कोई बात नहीं की। उनके भाषण में देश पर कोई बात नहीं थी, इसलिए हमने भाषण के बाद सदन की कार्यवाही का बहिष्कार किया।”
बता दें कि राज्यसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर पेश धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा में आज भाषण देते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने विवादित कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलनरत किसानों से आंदोलन समाप्त करने का आग्रह करते हुए कानूनों को कृषि सुधार करने वाला बताया। अपने भाषण के दौरान उन्होंने किसानों के आंदोलन के लिए विपक्ष पर निशाना साधते हुए दावा किया कि एमएसपी था, एमएसपी है और एमएसपी रहेगा। अपने भाषण के दौरान कृषि कानूनों पर जारी गतिरोध को खत्म करने पर कोई बात किए बिना पीएम ने आंदोलन के पीछे साजिश तक का आरोप लगाते हुए कहा कि देश को आंदोलनजीवीयों और फॉरेन डिस्ट्रक्टिव आइडियोलॉजी (एफडीआई) से सावधान रहना होगा।
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Published: 08 Feb 2021, 5:17 PM