मोदी सरकार ने गरीबों-मजदूरों पर किया एक और प्रहार, महामारी में सहारा बनी मनरेगा का बजट घटाया, कांग्रेस ने घेरा
कांग्रेस ने मनरेगा का बजट 1,10,000 करोड़ से घटाकर 73,000 करोड़ रुपये करने के मोदी सरकार के कदम को देश के गरीबों और मजदूरों पर सरकार का एक और प्रहार करार दिया है। कांग्रेस ने सरकार से करोनो के संभावित लहर को देखते हुए इस फैसले पर विचार करने की मांग की है।
कांग्रेस ने केंद्र की मोदी सरकार पर महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (मनरेगा) के 1,10,000 करोड़ रुपये के बजट को घटाकर 73,000 करोड़ रुपये करने का आरोप लगाया है। कांग्रेस ने इसे देश के गरीबों और मजदूरों पर सरकार का एक और प्रहार करार दिया है और सरकार से करोनो के संभावित लहर को देखते हुए इस पर विचार करने के लिए कहा है।
राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने गुरुवार को कहा कि, "प्रधानमंत्री मोदी ने संसद में जिस मनरेगा को कांग्रेस की समाधि करार दिया था। कोविड महामारी के समय वहीं मनरेगा ग्रामीण लोगों के पेट भरने के काम आई। इसके बाद भी इस कल्याणकारी योजना का बजट मोदी सरकार ने कम कर दिया। गरीब आदमी की कमर तोड़ने जैसा है।
मल्लिकार्जुन खड़गे ने केंद्र सरकार से गरीबों के स्वाभिमान के साथ नहीं खेलने की चेतावनी देते हुए कहा कि जब देश में एक बार फिर कोरोना महामारी के वापस आने के संकेत दिखाई दे रहे हैं, तो मनरेगा का बजट लगातार कम किया जा रहा है। इसका सीधा प्रभाव देश के गरीबों और मजदूरों पर पड़ेगा।
वहीं, कांग्रेस नेता रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि फासीवादी सरकार ने किसानों, पत्रकारों, युवाओं को अपनी फासीवादी नीतियों की वजह से प्रदर्शन करने पर मजबूर कर दिया है। इस सरकार की गलत नीतियों से देश में आज मंहगाई, बेरोजगारी चरम पर है। सुरजेवाला ने भी मनरेगा का बजट घटाने पर सरकार पर हमला बोला।
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