देश में जारी किसान आंदोलन को कांग्रेस का समर्थन, मोदी सरकार के चार साल को करार दिया किसानों की दुर्दशा का काल
रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि किसानों के शांतिपूर्वक विरोध के समर्थन में समूचा देश साथ खड़ा है। किसान जब अपने फ़सलों की उचित मांग को लेकर शांतिपूर्ण तरीके से अपना विरोध दर्ज़ करते हैं तो बीजेपी सरकार उनके सीने में गोलियां उतार देती है।
कांग्रेस पार्टी ने देश भर में जारी किसानों के ‘गांव बंद’ आंदोलन को अपना समर्थन दिया है। मध्य प्रदेश के मंदसौर में पिछले साल हुई पुलिस की गोलीबारी में 6 किसानों की मौत हो गई थी, उसी घटना के एक साल पूरे होने पर देश के 100 से भी ज्यादा संगठन अपनी मांगों को लेकर 1 जून से 10 जून तक आंदोलन कर रहे हैं। पिछले दो दिनों में इस आंदोलन का व्यापक असर रहा है।
कांग्रेस ने कहा, “यह पहला अवसर नहीं है कि किसानों ने बीजेपी सरकार के प्रति अपना रोष प्रकट किया हो। बीते चार सालों से यही हालत है। किसान खेतों की अपेक्षा सड़कों पर आंदोलित दिखाई देता है । मगर बीजेपी सरकार के सत्ता के अहंकार का आलम यह है कि वो किसानों की मांगों का संज्ञान लेने की अपेक्षा कभी उनके सीने में गोलियां उतार देती है, तो कभी जेलों में ठूंस देती है।”
कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने भी ट्वीट कर किसान आंदोलन के पक्ष में अपनी आवाज मुखर की। उन्होंने कहा, “ हमारे देश में हर रोज़ 35 किसान आत्महत्या करते हैं। कृषि क्षेत्र पर छाए संकट की तरफ़ केंद्र सरकार का ध्यान ले जाने के लिए किसान भाई 10 दिनों का आंदोलन करने पर मजबूर हैं। हमारे अन्नदाताओं की हक की लड़ाई में उनके साथ खड़े होने के लिए 6 जून को मंदसौर में किसान रैली को संबोधित करूंगा।”
इस आंदोलन की एक मुख्य मांग है कि फसलों की लागत पर 50 % ऊपर समर्थन मूल्य देने का वादा जो मोदी सरकार ने अपने घोषणा-पत्र में किया था उसे वो निभाए।
इस पर कांग्रेस का कहना है कि मगर मोदी सरकार ने किसानों को धोखा देते हुए देश के सर्वोच्च न्यायालय में 6 फरवरी 2015 को शपथ पत्र दे दिया कि अगर स्वामीनाथन कमीशन की 'लागत का 50 % ऊपर समर्थन मूल्य' देने की सिफारिश को स्वीकार किया गया तो बाजार बिगड़ जाएगा यानी मोदी सरकार किसानों की बजाय जमाखोरों और बिचौलियों के पक्ष में खड़ी हो गई।
गन्ना किसानों के मसले पर भी कांग्रेस ने मोदी सरकार को घेरा। कांग्रेस नेता रणदीप सुरेजवाला ने बताया कि देश के गन्ना किसानों का लगभग 20 हज़ार करोड़ रुपया बकाया है और इसका कारण यह है कि चीनी के अच्छे उत्पादन के बाद भी चीनी का भाव गिर गया है क्योंकि मोदी सरकार ने पाकिस्तान से बड़ी मात्रा में चीनी आयात की और देश के गन्ना किसानों के जीवन में कड़वाहट घोल दी।
इतना ही नहीं, किसानों के नाम पर चलाई जा रही फ़सल बीमा योजना में खरीफ़ 2016 और रबी 2016-17 में प्राइवेट कंपनियों को 14,828 करोड़ रु का लाभ मोदी सरकार ने पहुँचाया है ।
किसानों की 'कर्ज माफी' की मांग पर भी कांग्रेस ने केंद्र पर निशाना साधते हुए कहा, “देश भर का किसान मोदी सरकार की किसान विरोधी नीतियों के चलते कर्ज के बोझ में दबा हुआ है। इसके चलते आज 35 से अधिक किसान रोज़ आत्महत्या करने पर मजबूर हैं। मोदी सरकार ने बीते चार सालों में मुट्ठी भर धन्ना सेठों का लगभग 2.41 लाख करोड़ रु का कर्ज राइट ऑफ किया है। किसानों की मांग है कि मोदी सरकार जब अपने मुट्ठी भर धनपतियों का लाखों करोड़ का कर्ज माफ़ कर सकती है तो फ़िर किसानों का कर्ज क्यों नहीं माफ़ कर सकती।”
रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि किसानों के शांतिपूर्वक विरोध के समर्थन में समूचा देश साथ खड़ा है। किसान जब अपने फ़सलों की उचित मांग को लेकर शांतिपूर्ण तरीके से अपना विरोध दर्ज़ करते हैं तो बीजेपी सरकार उनके सीने में गोलियां उतार देती है। मध्यप्रदेश के मंदसौर में जून 2017 में यही हुआ था, जब शिवराज सरकार की पुलिस ने 6 किसानों की जान ले ली थी।
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