कांग्रेस ने 'हाथ से हाथ जोड़ो' अभियान का किया आगाज, घर-घर पहुंचकर मोदी सरकार की विफलताएं बताएगी
कांग्रेस ने अभियान की शुरुआत करते हुए कहा कि आज हम लोकतंत्र का सबसे बड़ा त्योहार मना रहे हैं, हम हाथ से हाथ जोड़ो अभियान शुरू करने की घोषणा करते हैं। भारत जोड़ो यात्रा को मिले अपार प्यार के बाद हमें यकीन है कि हाथ से हाथ जोड़ो अभियान भी सबका दिल जीत लेगा।
भारत जोड़ो यात्रा की अपार सफलता के बाद कांग्रेस ने गुरुवार को राष्ट्रव्यापी 'हाथ से हाथ जोड़ो' अभियान की शुरुआत कर दी, जिसके तहत कार्यकर्ता घर-घर पहुंचकर लोगों से मिलेंगे और उन्हें मोदी सरकार की विफलताओं से अवगत कराएंगे। इस अभियान में पार्टी कार्यकर्ता कांग्रेस नेता राहुल गांधी का लिखा पत्र और केंद्र सरकार के खिलाफ 'चार्जशीट' घर-घर पहुंचाएंगे।
'हाथ से हाथ जोड़ो' अभियान की शुरुआत की जानकारी देते हुए कांग्रेस ने ट्विटर पर पोस्ट किया, "आज हम लोकतंत्र का सबसे बड़ा त्योहार मना रहे हैं, हम हाथ से हाथ जोड़ो अभियान शुरू करने की घोषणा करते हैं। भारत जोड़ो यात्रा को मिले अपार प्यार के बाद हमें यकीन है कि हाथ से हाथ जोड़ो अभियान भी सबका दिल जीत लेगा।"
अभियान के दौरान लोगों को सौंपे जाने वाले पत्र में राहुल गांधी ने लिखा है, "एक स्पष्ट आर्थिक संकट पैदा हो रहा है - युवाओं में बेरोजगारी, असहनीय मूल्यवृद्धि, गंभीर कृषि संकट और देश की संपत्ति पर पूरी तरह से कॉर्पोरेट का कब्जा।" उन्होंने लिखा कि लोग अपनी नौकरी खोने के बारे में चिंतित हैं, उनकी आय और गिर रही है। उनके बेहतर भविष्य के सपने चकनाचूर हो रहे हैं और देशभर में निराशा की गहरी भावना है।
राहुल गांधी ने पत्र में आगे लिखा, "आज, यहां तक कि हमारी बहुलता भी खतरे में है। विभाजनकारी ताकतें हमारी विविधता को हमारे खिलाफ मोड़ने का प्रयास कर रही हैं - विभिन्न धर्मो, समुदायों, क्षेत्रों को एक-दूसरे के खिलाफ खड़ा किया जा रहा है। ये ताकतें, जो संख्या में मुट्ठीभर हैं, समझते हैं कि जब लोग असुरक्षित महसूस करेंगे और डरे रहेंगे, तभी वे 'दूसरे' के लिए नफरत के बीज बो सकते हैं।"
26 मार्च को समाप्त होने वाले कार्यक्रम के दौरान पार्टी कार्यकर्ता ढाई लाख ग्राम पंचायतों, छह लाख गांवों और 10 लाख बूथों तक पहुंचेंगे। कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने कहा था कि हाथ से हाथ जोड़ो' कार्यक्रम कांग्रेस पार्टी के सिंबल और भारत जोड़ो यात्रा के राजनीतिक संदेश को आगे ले जाएगा। हालांकि, उन्होंने कहा कि यह एक कठिन काम है, क्योंकि कुछ राज्यों में संगठन कमजोर है, लेकिन इसे पूरा किया जाएगा।
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