टेलीकॉम सेक्टर की बदहाली पर कांग्रेस बोली- बीजेपी सरकार का मूलमंत्र है, ‘JIO’ और बाकी को मरने दो
कांग्रेस नेता पवन खेड़ा ने कहा कि कांग्रेस सरकार ने दूर-दराज के दुर्गम क्षेत्रों, नक्सल प्रभावित इलाकों में सेवाएं देने का काम बीएसएनएल को दिया था, मगर इस सरकार ने कई प्रोजेक्ट बीएसएनएल से छीनकर निजी हाथों में सौंप दिए। आखिर क्यों?
देश की बिगड़ी अर्थव्यवस्था को लेकर एक बार फिर कांग्रेस पार्टी ने केंद्र की मोदी सरकार पर निशाना साधा है। दिल्ली में कांग्रेस मुख्यालय में पार्टी प्रवक्ता पवन खेड़ा ने प्रेस से बात की। उन्होंने कहा, “दम तोड़ती अर्थव्यवस्था के आंकड़े रोज आपके सामने आ रहे हैं। अर्थव्यवस्था के हर क्षेत्र में सरकार की नाकामयाबी आपके सामने है। यह ऐसी सरकार है जो रिजर्व बैंक से पैसे ले लेती है, मुनाफे वाली सरकारी कम्पनियों को बेचने के लिए तैयार हो जाती है।”
टेलीकॉम सेक्टर की बदहाली पर पवन खेड़ा ने कहा, “आज से कॉल और डेटा दरें बढ़ाने की बात हो रही है। यूपीए-1 और 2 के समय 13 निजी टेलीकॉम सर्विस प्रोवाइडर थे। एमटीएनएल-बीएसएनएल भी थे। दोनों में प्रतिस्पर्द्धा के कारण कॉल-डेटा दरें कम थी। हिंदुस्तान की कॉल-डेटा दरें सबसे कम श्रेणी में आती थीं।”
कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा, “सरकार ने कैबिनेट बुलाकर इन्हें दो साल की मोहलत दे दी। दूसरी तरफ हजारों करोड़ का मुनाफा कमाने का अवसर भी दिया जा रहा है। जबकि, सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों को 4G तक नहीं चलाने दिया जा रहा। इसमें 5 साल का विलंब क्यों?”
पवन खेड़ा ने कहा, “कांग्रेस सरकार ने दूर-दराज के दुर्गम क्षेत्रों, नक्सल प्रभावित इलाकों में सेवाएं देने का काम बीएसएनएल को दिया था, मगर इस सरकार ने कई प्रोजेक्ट बीएसएनएल से छीनकर निजी हाथों में सौंप दिए। आखिर क्यों? यूपीए-1 और 2 का मूलमंत्र था- "जियो और जीने दो।" बीजेपी सरकार का मूलमंत्र है- "JIO" और बाकी को मरने दो। यूपीए सरकार के समय 7838 करोड़ का लाभ देने वाली कम्पनी आज 11000 करोड़ के नुकसान में क्यों आई?” कांग्रेस नेता ने बीजेपी सरकार से दो सवाल भी पूछे।
कांग्रेस के दो सवाल:
- मोदी जी की सार्वजनिक क्षेत्र की कम्पनियों से क्या दुश्मनी है? या तो कमजोर कर देते हैं या मुनाफे के बावजूद बेच देते हैं।
- निजी क्षेत्र की कंपनियों से मोदी जी के क्या रिश्ते हैं? इलेक्टोरल बॉन्ड के जरिए इनसे कितना पैसा लिया, इसको भी सार्वजनिक करें।
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