पंजाब की घटना पर बीजेपी नेताओं के बयानों पर कांग्रेस ने सुनाई खरी-खोटी, गिनाए 8 कारण जो हाथरस से अलग हैं
पंजाब में एक बच्ची से बलात्कार और हत्या मामले को तूल दिए जाने पर कांग्रेस ने बीजेपी को आड़े हाथों लिया है। कांग्रेस ने तथ्य सामने रखते हुए कहा है कि आखिर पंजाब की घटना और हाथरस की घटना में क्या फर्क है।
कांग्रेस ने बीजेपी के वरिष्ठ नेताओँ और केंद्रीय मंत्रियों को आड़े हाथों लेते हुए खरी खोटी सुनाई है। कांग्रेस प्रवक्ता सुष्मिता देव ने कहा कि बीजेपी के नेता और केंद्रीय मंत्री जिस तरह से पंजाब की घटना का राजनीतिकरण कर रहे हैं वह उनकी मंशा दर्शाता है। उन्होंने कहा कि “बलात्कार एक ऐसा मुद्दा है, जिसमें किसी भी प्रदेश में हो या कोई भी दल, उस प्रदेश में किसी की भी सरकार हो, सबको दुख होता है। चाहे वो निर्भया हो, चाहे वो उन्नाव हो, चाहे वो हाथरस की बेटी हो, चाहे वो देश में कहीं भी हो, राजस्थान हो, हरियाणा हो।“
सुष्मिता देव ने कहा कि “दुख इस बात का है कि बीजेपी के तीन नेताओं निर्मला सीतारमण जी, प्रकाश जावेड़कर जी और हर्षवर्धन जी ने 14 सितंबर से जबसे हाथरस की घटना हुई, पहली बार महिला सुरक्षा पर कुछ बोला है और जो भी बोला इसका कारण है कि उन्हें राहुल गांधी जी और प्रियंका गांधी जी के हाथरस जाने पर आपत्ति है।” उन्होंने कहा कि आखिर हाथरस की घटना के वक्त ये नेता कहां थे। उन्नाव की घटना के वक्त कहां थे। कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा कि बीजेपी नेता सिर्फ इसलिए इस मुद्दे पर मुंह खोल रहे हैं क्योंकि बिहार में चुनाव है।
सुष्मिता देव ने सिलसिलेवार पंजाब की घटना और हाथरस की घटना में अंतर को सामने रखा। उन्होंने कहा :
जब हाथरस की बेटी का बलात्कार हुआ, वो एफआईआर दर्ज कराने गई। सामूहिक बलात्कार था, आपने एफआईआर में रेप का सेक्शन डालने से मना कर दिया उत्तर प्रदेश की पुलिस ने। पंजाब की सरकार ने क्या किया - 36 घंटों में जो दोषी थे, वो गिरफ्तार हुए, आईपीसी और पॉक्सो की धाराओं को एफआईआर में लिखा गया। पंजाब के मुख्यमंत्री और डीजीपी ने खुद इस केस की निगरानी की और मुख्यमंत्री ने खुद सख्त से सख्त सजा की मांग की।
10 दिन तक आपने हाथरस की पीड़िता को अलीगढ़ में रखा, 11 दिन आपने एफएसएल का रिपोर्ट नहीं मंगवाया। जो एफएलएल की रिपोर्ट 24 घंटे के अंदर रेप विक्टिम के शरीर से लेना होता है, आपने उसको 11 दिन तक उस एविडेंस को नहीं लिया। और पंजाब की सरकार ने क्या किया - पंजाब की सरकार ने 24 घंटे के अंदर पोस्टमार्टम भी किया और एफएसएल की रिपोर्ट भी उस पीड़िता के शव से लिया।
पंजाब में पूरे जिले का प्रशासन, पूरे प्रदेश का शासन आज पीड़िता के परिवार के साथ पंजाब में खड़े हैं और उत्तर प्रदेश के डीएम ने क्या किया – उत्तर प्रदेश के डीएम ने हाथरस की बेटी के परिवार के लोगों को डराकर, धमका कर कहा कि मीडिया तो आज है कल चली जाएगी, आपको हमारे साथ रहना है।
जिलाधिकारी ने तो उत्तर प्रदेश में न ही सिर्फ हाथरस की बेटी के परिवारवालों को धमकाया, एडिशनल डॉयरेक्टर जनरल ने तो सारी हदें पार करते हुए औलान कर दिया कि जो आरोपी हैं उन्होंने रेप किया ही नहीं। पंजाब की पुलिस ने क्या किया – पंजाब की पुलिस ने पॉक्सो की धाराएं लगाई। ये कारण है कि हाथरस में सबको जाने की जरुरत है और पंजाब में सरकार अपना कर्तव्य पालन कर रही है।
उत्तर प्रदेश में आपने मीडिया को हाथरस के इस कांड में पहुंचने ही नहीं दिया। क्या कोई कह सकता है यहाँ मेरे मीडिया के दोस्त हैं कि पंजाब की पुलिस या पंजाब के प्रशासन ने किसी मीडिया को दोस्त को रोका, कहीं लाठी चार्ज हुआ? बिल्कुल नहीं हुआ
पंजाब की सरकार ने, पंजाब के मुख्यमंत्री ने पीड़िता का जो अंतिम संस्कार किया, उसका पूरा परिवार वहाँ पर मौजूद था, पूरा गांव मौजूद था। और गांव के लोगों ने पंजाब की सरकार पर आस्था जताते हुए कहा कि हमें सख्त से सख्त सजा आरोपी के खिलाफ चाहिए। यूपी सरकार ने क्या किया –हाथरस की पीड़िता को रात अंधेरे में बिना किसी परिवार के सदस्य के वहाँ होते हुए, गांव के लोगों को रोकते हुए हाथरस की बेटी का अंतिम संस्कार करवा दिया। इसलिए राहुल गांधी जी और प्रियंका गांधी जी का हाथरस जाना जरुरी थी।
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने सरकार और प्रशासन को हाथरस केस को लेकर फटकार लगाई, क्या इसके अलावा भी किसी सबूत की जरूरत है कि पंजाब और हाथरस की घटना में क्या फर्क है।
सुष्मिता देव ने कहा कि, “ निर्मला सीतारमन जी आज महाअष्टमी है, हम महागौरी के रुप में कन्या पूजन करते हैं, पर आप एक महिला होकर, मैं दुख के साथ कहती हूं कि आपने फिर एक महिला का अपमान किया, एक नारी का अपमान किया, वो नारी हाथरस की बेटी है। आज आपने फिर अनदेखी की है फिरोजाबाद की बेटी जिसे अपराधियों ने घर में घुसकर गोली मार दी। 11वीं में पढ़ने वाली उस बच्ची का अपराध था कि उसने अपने साथ छेड़छाड़ करने वालों का विरोध किया था। आपने आज हमारे नेताओं पर ऊंगली उठाई, जो हाथरस की बेटी के खिलाफ होते अन्याय, उसके परिवार के खिलाफ होते अन्याय के खिलाफ आवाज उठाना चाहते थे। उनकी लड़ाई लड़ना चाहते थे। इसलिए मैं प्रकाश जावेड़कर जी, हर्षवर्धन जी और निर्मला सीतारमण जी को बोलना चाहती हूं कि आप जनप्रतिनिधी नहीं हैं, आप एक सोच के गुलाम हैं और आप गुलाम ही रहेंगे।“
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