झारखंड में लोगों के लिए काम करने वाली और प्रधानमंत्री को खुश करने वाली सरकारों के बीच है मुकाबला: कांग्रेस
जयराम रमेश ने कहा कि झारखंड में हो रहा विधानसभा चुनाव ऐसी सरकारों के बीच का मुक़ाबला है, जहां एक लोगों के लिए काम करती है और दूसरी प्रधानमंत्री और उनके मित्रों को ख़ुश करने के लिए काम करती है।
कांग्रेस पार्टी ने कहा कि झारखंड विधानसभा चुनाव में इस बार लोगों के लिए काम करने वाली सरकार और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी एवं उनके "मित्रों" को खुश करने के लिए काम करने वाली सरकार के बीच मुकाबला है।
पार्टी महासचिव जयराम रमेश ने झारखंड की पूर्ववर्ती बीजेपी सरकार और वर्तमान की हेमंत सोरेन सरकार की तुलना करते हुए प्रधानमंत्री पर निशाना साधा और अदाणी समूह के एक बिजली संयंत्र का भी उल्लेख किया।
झारखंड में विधानसभा चुनाव के लिए दो चरणों में, 13 और 20 नवंबर को मतदान होना है। मतगणना 23 नवंबर को होगी। जयराम रमेश ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, "वर्ष 2015 के जून महीने में "मोदानी समूह" ने झारखंड में गोड्डा ज़िले के 10 गांवों में कोयला आधारित बिजली संयंत्र स्थापित करने की प्रक्रिया शुरू की थी। झारखंड में तत्कालीन भाजपा राज्य सरकार के पूर्ण सहयोग से स्थानीय किसानों से 1,255 एकड़ भूमि का अधिग्रहण किया गया। इस प्रक्रिया के दौरान बल प्रयोग और डराने-धमकाने की कई खबरें आईं।"
उन्होंने दावा किया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की सरकार ने इस परियोजना में प्रधानमंत्री के पसंदीदा "टेम्पो-वाले" की मदद करने का हर संभव प्रयास किया।
जयराम रमेश ने कहा कि हाल ही में, बांग्लादेश में सत्ता परिवर्तन होने के बाद केंद्र सरकार ने तुरंत मोदानी समूह को यहां की बिजली भारत में ही बेचने की अनुमति दे दी। उन्होंने कहा कि किसानों से जबरन ज़मीन अधिग्रहीत किए जाने के वर्षों बाद भी उन्हें मुआवजे के पूरे भुगतान का इंतज़ार है।
रमेश ने कहा, "झारखंड में हो रहा विधानसभा चुनाव ऐसी सरकारों के बीच का मुक़ाबला है, जहां एक लोगों के लिए काम करती है और दूसरी प्रधानमंत्री और उनके मित्रों को ख़ुश करने के लिए काम करती है।"
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