सोनिया गांधी को लगातार ED द्वारा बुलाने पर कांग्रेस बोली- देश में ईडी का आतंक, ये स्थिति देश के लिए ठीक नहीं
अशोक गहलोत ने कहा कि ED का जो तमाशा हो रहा है देश के अंदर, पहले राहुल गांधी जी को बुलाया और आज तीसरे दिन सोनिया जी को बुलाया है। ED का आतंक है देश के अंदर और ये जो आतंक मचा रखा है इसका फैसला जल्दी होना चाहिए।
कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ईडी के साामने आज फिर अपना बयान दर्ज कराएंगी। इससे पहले दिल्ली के कांग्रेस मुख्यालय में पार्टी के नेताओं ने प्रेस से बात की। राजस्थान के सीएम और कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेता अशोक गहलोत ने कहा, "आप देख रहे हैं कि ईडी द्वारा जो तमाशा हो रहा है देश के अंदर, पहले राहुल गांधी को पांच दिनों तक लगातार बुलाया। ऐसा कभी होता नहीं है। अब सोनिया गांधी को बुला रहे हैं। आज तीसरी बार है जब ईडी ने उन्हें बुलाया है। पता नहीं वह कब तक बुलाएंगे। यह जो ईडी का देश के अंदर आतंक है, इसका फैसला जल्दी होना चाहिए। सुप्रीम कोर्ट में केस चल रहे हैं। क्यों नहीं इसका जल्दी फैसला हो।"
लोकतंत्र किस दिशा में जा रहा है?: अशोक गहलोत
उन्होंने कहा, "ईडी का उपयोग सरकारें गिराने के लिए किया जाता है। बड़े स्तर पर ऐसा हुआ है। ऐसा महाराष्ट्र में भी देखा गया है। ईडी सरकारें गिराने का काम तो कर सकती है, लेकिन कैबिनेट बनाने का काम नहीं कर सकती है। 28 दिन से महाराष्ट्र में कैबिनेट नहीं बना है। महाराष्ट्र में सीएम और डिप्टी सीएम बैठे हुए हैं। यह क्या बताता है? लोकतंत्र किस दिशा में जा रहा है? आप लोग सोच सकते हैं।"
देश की आर्थिक स्थिति गर्त में जा रही है, पूरा देश चिंतित: अशोक गहलोत
अशोक गहलोत ने कहा, "महंगाई और बेरोजगारी को जो स्थिति है देश के अंदर, आर्थिक स्थिति गर्त में जा रही है। इसे लेकर पूरा देश चिंतित है। देश के नौजवान चिंतित हैं। इन मुद्दों पर संसद में बहस करना चाहते हैं तो यह करने नहीं दे रहे हैं। 19 सांसदों को कल सस्पेंड कर दिया गया। जहां तक मुझे जानकारी है, कांग्रेस शासन में कभी भी किसी को सस्पेंड नहीं किया जाता था। हम साल 1980 और उससे पहले से देखते आ रहे हैं। 1980 हम देखते हुए आ रहे हैं। 12-12 दिनों तक संसद की कार्यवाही नहीं चली। बावजूद इसके किसी को सस्पेंड करने की बात नहीं होती थी। आज इन्होंने मजाक बना रखा है।"
गहलोत ने आगे कहा, "यह तमाम जो स्थिति बनी है देश के अंदर इससे पूरा देश घबराया हुआ है। चिंतित है। इनको (सरकार) यह घमंड है कि देश के लोग इनकी इन बातों को भी समर्थन कर रहा है। लेकिन उन्होंने जो जनता से वादे किए थे, उसे भुला दिए। 2014 में हुए लोकसभा चुनाव के दौरान जो प्रचार चला था, चाहे वह लोकपाल हो, कालाधन का मुद्दा हो, सरकार बनते ही सुप्रीम कोर्ट के तहत जो एसआईटी बनी थी, कालाधन लाने के लिए वह सब तो गायब ही हो गई।"
कांग्रेस नेता ने कहा, "कल जो मीडिया ने दिनभर एडेंजा चलाया कि ईडी द्वारा सोनिया गांधी के बयान लेने पर हंगामा किया जा रहा है, लेकिन हकीकत यह है कि और भी कई मुद्दे हैं, जिन्हें लेकर हमारी ओर से प्रदर्शन किया गया। लेकिन मीडिया ने ऐसा दिखाने कि कोशिश की कि इन मुद्दों पर हम बात नहीं कर रहे हैं। हाल ही में जयपुर में महंगाई के मुद्दे पर राष्ट्रीय स्तर पर सम्मेलन हुआ था। करीब सालभर हो गया, उस समय से महंगाई और बेरोजगारी हमारा मुख्य मुद्दा है। सवाल यह है कि मीडिया उसे कितना दिखा रहा है। मीडिया दबाव के अंदर है। मीडिया के मालिक घबराए हुए हैं कि कब ईडी पहुंच जाए, कब इनकम टैक्स की टीम पहुंच जाए उनके यहां। कब सीबीआई पहुंच जाए, यह स्थिति है।"
अशोक गहलोत के ने कहा, "सुप्रीम कोर्ट में ईडी को लेकर सैकड़ों केस निलंबित है। हम चाहते हैं कि इस मुद्दे पर कोर्ट जल्द अपना फैसला दे। ईडी ने जो आतंक की स्थिति बना रखी है वह देशहित में नहीं है। ऐसे में सुप्रीम कोर्ट को आगे आकर जल्दी से अपना फैसला देना चाहिए।"
ईडी की कार्रवाई समझ से परे: गुलाम नबी आजाद
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद ने प्रेस से बात करते हुए कहा, "ईडी इस मामले की कई सालों से जांच करती आ रही है। एक समय में यह सुनने में आया था कि इस मामले में कुछ भी नहीं और जांच को ईडी बंद करने जा रही है। लेकिन बंद नहीं किया। फिर इस मामले में राहुल गांधी को ईडी ने बुलाया और तरकीबन 30 घंटे से ज्यादा, पांच दिनों में उनसे बातचीत की। मेरी समझ में नहीं आता कि केस एक है, परिवार एक है। परिवार के दो लोगों का नाम जो उसमें लिखा है, उसमें जब राहुल गांधी से पांच दिनों तक कई घंटो तक आपने बातचीत की, उसी केस के लिए सोनिया जी को फिर बुलाने की क्या जरूरत थी?"
Google न्यूज़, नवजीवन फेसबुक पेज और नवजीवन ट्विटर हैंडल पर जुड़ें
प्रिय पाठकों हमारे टेलीग्राम (Telegram) चैनल से जुड़िए और पल-पल की ताज़ा खबरें पाइए, यहां क्लिक करें @navjivanindia