कांग्रेस नेता शशि थरूर ने भारतीयों के लिए ब्रिटेन की यात्रा नीति का किया विरोध, पुस्तक विमोचन समारोह से नाम लिया वापस

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जयराम रमेश ने भी ब्रिटेन की यात्रा नीति को विचित्र करार दिया। उन्होंने कहा कि "कोविशील्ड को मूल रूप से यूके में विकसित किया गया था और सीरम इंस्टीट्यूट ने उस देश को भी आपूर्ति की है। यह बिल्कुल विचित्र है! इससे नस्लवाद की बू आती है।

फोटोः सोशल मीडिया
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नवजीवन डेस्क

कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने ब्रिटिश सरकार द्वारा भारतीय यात्रियों के लिए यात्रा नियम बदले जाने का विरोध किया है। दोनों टीका लिए हुए भारतीयों को भी क्वारंटाइन करने को आपत्तिजनक बताते हुए शशि थरूर ने अपनी एक पुस्तक के विमोचन समारोह से अपना नाम वापस ले लिया है।

तिरुवनंतपुरम से कांग्रेस सांसद ने एक ट्वीट में कहा, "इस वजह से मैंने अपनी पुस्तक 'द बैटल ऑफ बिलॉन्गिंग' (वहां 'द स्ट्रगल फॉर इंडियन्स सोल' के रूप में प्रकाशित) के यूके संस्करण के कैम्ब्रिज यूनियन में विमोचन और बहस के आयोजन से खुद को बाहर रखा है। पूरी तरह से टीका लगवाए हुए भारतीयों को क्वारंटाइन होने के लिए कहना आपत्तिजनक है। ब्रितानी लोग समीक्षा कर रहे हैं!"


शशि थरूर ने एक लिंक साझा करते हुए कहा, "यूके सरकार ने आज रात पुष्टि की है कि यदि किसी व्यक्ति को अफ्रीका या दक्षिण अमेरिका, संयुक्त अरब अमीरात या भारत, तुर्की, जॉर्डन, थाईलैंड, रूस सहित देशों में टीका लगाया गया है, तो आपको 'गैर-टीकाकरण वाला' माना जाता है और 'असंबद्ध' नियम के तहत 10 दि सीय होम क्वारंटाइन और जांच का पालन करना चाहिए।"

राज्यसभा सांसद और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जयराम रमेश ने भी ब्रिटेन की यात्रा नीति को विचित्र करार दिया। एक ट्वीट में उन्होंने कहा, "कोविशील्ड को मूल रूप से यूके में विकसित किया गया था और सीरम इंस्टीट्यूट, पुणे ने उस देश को भी आपूर्ति की है, यह देखते हुए यह बिल्कुल विचित्र है! इससे नस्लवाद की बू आती है।"

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