त्योहारी सीज़न में मोदी सरकार डाल रही आम लोगों की जेब पर बोझ, कांग्रेस ने रेल किराए में वृद्धि पर उठाए सवाल
मोदी सरकार त्योहारी सीज़न में आम और गरीब लोगों की जेब पर बोझ डाल रही है। यह आरोप कांग्रेस ने लगाया है। कांग्रेस ने कहा है कि त्योहारी सीजन में जो विशेष ट्रेनें चलाई जा रही हैं उनमें स्लीपर और सेकेंड क्लास के किराए में 30 फीसदी तक बढ़ोत्तरी कर दी गई है।
कांग्रेस ने त्योहारी सीज़न में विशेष ट्रेनों को किराए में 25 से 30 फीसदी बढ़ोत्तरी पर सवाल उठाते हुए कहा है कि मोदी सरकार आम लोगों की जेब से पैसा खींच रही है। कांग्रेस प्रवक्त प्रोफेसर गौरव वल्लभ ने बुधवार को पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि 20 अक्टूबर से 30 नवंबर के बीच रेलवे जो विशेष ट्रेनें चला रहा है, उनमें किराया बढ़ा दिया गया है और इसमें भी आम और गरीब लोगों पर ज्यादा बोझ डाला गया है।
उन्होंने कहा कि, “आज जब अगले डेढ़ महीने में देश के सारे प्रमुख त्योहार हैं, भले ही वो दुर्गा पूजा हो, भले ही वो दशहरा हो, भले ही वो दीपावली हो, भले ही वो छठी मईया की पूजा हो, जब देश में बड़े लेवल पर लोग बड़े महानगरों से अपने गांव जाते हैं, अपने छोटे कस्बों में जाते हैं, तो ऐसे में किराए बढ़ा दिए गए हैं।“ उन्होंने कहा कि, “रेलवे ने 392 स्पेशल ट्रेनें चलाने का फैसला किया है जो अच्छी बात है, लेकिन इनमें बढ़े किराए का बोझ सेकंड क्लास और स्लीपर पर ज्यादा है। उन्होंने बताया कि सेकंड एसी के किराए में 23 फीसदी बढ़ोत्तरी की गई है जबकि सेकेंड क्लास स्लीपर में 30 प्रतिशत किराय बढ़ाया गया है।
कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा कि “जब जीडीपी -23.9 प्रतिशत से संकुचन कर रही है, जब कोरोना में 2 करोड़ 10 लाख सैलरीड क्लास लोगों ने अपना रोजगार खोया है, जब हर सेक्टर में या तो सैलरी कट की खबर आ रही है या ज\ब लॉस की खबर आ रही है, उस समय लोगों की अपेक्षा ये रहती है कि सरकार लोगों के हाथों में पैसा दे और ये एक ऐसी सरकार है, जो फेस्टिवल में लोगों के हाथ से पैसा ज्यादा खींच रही है। ये कौन सी आत्मनिर्भरता है, ये कौन सा न्यू इंडिया है?”
उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि आम दिनों में पटना से बेंगलुर का एक तरफ का भाड़ा 910 रुपए है, जबकि स्पेशल ट्रेन में 1,095 रुपए कर दिया गया है। उन्होंने मांग की कि सरकार देश को बताए कि ये जो 25 से 30 प्रतिशत भाड़ा ज्यादा लिया जा रहा है इसके पीछे सरकार का मन्तव्य क्या है? उन्होंने मांग की कि सरकार इस फैसले को तुरंत वापस ले।
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