तेल के दामों में गिरावट का आम लोगों को मिले फायदा, गोदामों में भरा अनाज गरीबों को बांटे सरकार: कांग्रेस
कांग्रेस ने मांग की है कि अंतरराष्ट्रीय बाजार में तेल के दामों में आई कमी का फायदा भारत में आम लोगों को दिया जाना चाहिए। कांग्रेस ने कहा है कि इससे उन सभी वर्गों को राहत मिलेगी जो कोरोना संकट से बुरी तरह प्रभावित हुए हैं।
कांग्रेस ने केंद्र सरकार से पूछा है कि आखिर क्या वजह है कि अंतरराष्ट्रीय बाजार में तेल के दामों में नर्मी का फायदा भारत के उपभोक्ताओं को नहीं दिया जाता। सोमवार को अमेरिकी तेल बाजार में आई भारी गिरावट पर कांग्रेस प्रवक्ता पवन खेड़ा ने कहा कि, “पूरे विश्व के लिए तेल के दामों में अचानक कमी आना एक ऐतिहासिक घड़ी थी। इतनी कमी कि वो शून्य से भी नीचे जा पहुँचा।“ कांग्रेस प्रवकता ने कहा कि इसका कारण यह है कि वैश्विक महामारी के चलते इस कच्चे तेल का कोई खरीददार नहीं हैं। प्रोडक्शन का निरंतर जारी रहना और भंडारण क्षमता की अपेक्षाकृत अभाव इस समस्या की वजह है।
पवन खेड़ा ने कहा कि, “अब इस संदर्भ में हम अपने देश की बात करे, तो भारत सरकार का कहना है कि हम ये तेल नहीं खरीदेंगे। जैसा की आप सभी जानते है जबसे ईरान से तेल आयात करने पर रोक लगी, तभी से भारत, अमेरिका से तेल आयात करने वाला 10वां सबसे बड़ा कच्चा तेल आयातक देश है और विश्व में हम दूसरी श्रेणी पर हैं, जो तेल आय़ात करने के देशों में से हैं। हम बहुतायत में कच्चा तेल आयात करते हैं और हमारे पास पर्याप्त भंडारण क्षमता भी है।“ उन्होंने सवाल पूछा कि जब अंतर्राष्ट्रीय मूल्य इतना घट गया है, तो आखिर हमने इनकार क्यों किया? पिछले 6 सालों में 12 बार केंद्र सरकार ने सेंट्रल एक्साइज ड्यूटी बढ़ाई। पेट्रोल और डीजल पर सरकार ने 20 लाख करोड़ अर्जित किया। ऐसे में सवाल है कि आखिर क्या कारण था, कि केंद्र तेल के मोर्चे पर जो लाभ अर्जित करती है, उसको आम उपभोक्ता के साथ क्यों बांट नहीं सकते?
कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा कि इस वक्त केंद्र सरकार जो भी राहत देगी उससे फसल उगाने वाले किसानों, फसल को मंडी तक ले जाने वाले ट्रांसपोर्टरों आदि को फायदा मिलेगा। जरूरी वस्तुओं की सप्लाई करने में मदद मिलेगी। साथ ही मध्य वर्ग को भी फायदा होगा। उन्होंने कहा कि धीरे-धीरे लॉकडाउन अलग-अलग राज्यों में जब समाप्त होगा, फिर से अर्थव्यवस्था, हमारी और आपकी जिंदगी पटरी पर आएगी, उसके लिए भी ये राहत आवश्यक है।
कांग्रेस ने गोदामों में भरे चावल से सैनिटाइजर के मुद्दे पर कहा कि वो अनाज जो कई लोगों का पेट भर सकता है, उसे इस काम में इस्तेमाल करना गलत है। पवन खेड़ा ने कहा कि, “हमने पिछले एक महीने से जो मंजर देखे हैं, कैसे लोग कई-कई दिनों तक भूखे प्यासे चल रहे थे। मजदूरों के सामने खाने की समस्या विकट होती जा रही है। ऐसे में अगर एफसीआई गोदामों से अनाज निकालकर गरीब लोगों तक पहुंचाया जाए तो यह समस्या हल हो सकती है।“
कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा कि कांग्रेस अध्यक्ष श्रीमती सोनिया गांधी ने भी पत्र लिखकर मांग की थी कि जो सार्वजनिक प्रणाली के तहत भी नहीं आ रहे हैं, जो खाद्य सुरक्षा अधिनियम के बाहर आ रहे हैं, उनको भी मुफ्त अनाज दिया जाए। यह व्यवस्था देश ने बीते 70 वर्षों में बनाई है, और आज जब वक्त आया है कि उस लाभ हम जनता को भी मिलना चाहिए।
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