बाबरी विध्वंस में फैसला सुप्रीम कोर्ट के आदेश और संविधान के खिलाफ, हाईकोर्ट में चुनौती दे सरकार: कांग्रेस
रणदीप सिंह सुरजेवाला ने कहा कि बाबरी मस्जिद गिराने के आरोपियों को बरी करने का फैसला सुप्रीम कोर्ट के फैसले और संविधान के विपरीत है। सुप्रीम कोर्ट की 5 सदस्यीय पीठ ने ढांचे को गिराने को गैरकानूनी बताया था। लेकिन, फिर भी विशेष अदालत ने किसी को दोषी नहीं पाया।
लखनऊ की विशेष सीबीआई अदालत द्वारा बाबरी मस्जिद को ध्वस्त करने के षड्यंत्र के केस में बीजेपी नेता लाल कृष्ण आडवाणी, उमा भारती, मुरली मनोहर जोशी समेत सभी 32 आरोपियों को बरी करने के फैसले का कांग्रेस ने विरोध किया है। कांग्रेस का कहना है कि इस फैसले के खिलाफ सरकार की ओर से उच्च अदालत में अपील दायर की जानी चाहिए। कांग्रेस ने कहा कि अदालत का फैसला भारत की शीर्ष अदालत के फैसले के विपरीत है, क्योंकि बीजेपी-आरएसएस बाबरी मस्जिद को ध्वस्त करने की साजिश का हिस्सा थे।
कांग्रेस महासचिव और पार्टी के मीडिया प्रभारी रणदीप सिंह सुरजेवाला ने कहा, "बाबरी मस्जिद विध्वंस मामले में सभी अभियुक्तों को बरी करने का विशेष सीबीआई अदालत का निर्णय सुप्रीम कोर्ट के फैसले के साथ-साथ संवैधानिक भावना के विपरीत है।" उन्होंने कहा, "सुप्रीम कोर्ट की पांच न्यायाधीशों की खंडपीठ के 9 नवंबर, 2019 के फैसले के मुताबिक बाबरी मस्जिद को गिराया जाना एक गैरकानूनी अपराध था, पर विशेष अदालत ने सभी दोषियों को बरी कर दिया। विशेष अदालत का निर्णय साफतौर से सुप्रीम कोर्ट के निर्णय के प्रतिकूल है।"
रणदीप सुरजेवाला ने कहा, "संविधान, सामाजिक सौहाद्र और भाईचारे में विश्वास करने वाला हर व्यक्ति उम्मीद और अपेक्षा करता है कि विशेष अदालत के इस तर्कविहीन निर्णय के विरुद्ध राज्य और केंद्र सरकार उच्च अदालत में अपील दायर करेगी और बगैर किसी पक्षपात या पूर्वाग्रह के देश के संविधान और कानून का अनुपालन करेंगी।" सुरजेवाला ने कहा कि यही कानून के शासन और हमारे संविधान की सच्ची पुकार है।
कांग्रेस नेता ने आगे कहा कि बाबरी मस्जिद विध्वंस मामले में सभी दोषियों को बरी करने का विशेष अदालत के निर्णय को संविधान की परिपाटी से परे करार देते हुए कहा, "पूरे देश ने किसी भी कीमत पर सत्ता हासिल करने के उद्देश्य से देश के सांप्रदायिक सौहार्द और भाईचारे को नष्ट करने के लिए बीजेपी-आरएसएस और उसके नेताओं की गहरी राजनीतिक साजिश को देखा। पूरा देश जानता है कि बीजेपी-आरएसएस ने राजनैतिक फायदे के लिए देश और समाज के सांप्रदायिक सौहार्द्र को तोड़ने का एक घिनौना षडयंत्र किया था। उस समय की उत्तर प्रदेश की बीजेपी सरकार भी सांप्रदायिक सौहार्द्र भंग करने की इस साजिश में शामिल थी।"
रणदीप सिंह सुरजेवाला ने कहा, "यहां तक कि उस समय झूठा शपथ पत्र देकर सुप्रीम कोर्ट तक को बरगलाया गया। इन सब पहलुओं, तथ्यों और साक्ष्यों को परखने के बाद ही सुप्रीम कोर्ट ने मस्जिद को गिराए जाने को गैरकानूनी अपराध ठहराया था। लेकिन, फिर भी विशेष अदालत ने किसी को दोषी नहीं पाया।"
Google न्यूज़, नवजीवन फेसबुक पेज और नवजीवन ट्विटर हैंडल पर जुड़ें
प्रिय पाठकों हमारे टेलीग्राम (Telegram) चैनल से जुड़िए और पल-पल की ताज़ा खबरें पाइए, यहां क्लिक करें @navjivanindia
- Congress
- Babri Masjid Deomolition
- Lal Krishna Advani
- Randeep Singh Surjewala
- Special CBI Court
- Babri Demolition Case
- Babri Demolition Verdict