गोवा में कांग्रेस ने नौकरी घोटाले का लगाया आरोप, मंत्री ने अधिकारियों को प्राथमिकी दर्ज कराने को कहा

मंत्री का यह निर्देश तब आया है जब कांग्रेस की गोवा इकाई के अध्यक्ष अमित पाटकर ने शहरी विकास, नगर एवं ग्राम नियोजन तथा स्वास्थ्य विभागों में नौकरी के इच्छुक उम्मीदवारों को दिए गए ऐसे कई पत्र दिखाए। ये विभाग राणे के अधीन आते हैं।

फोटो: सोशल मीडिया
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नवजीवन डेस्क

गोवा के मंत्री विश्वजीत राणे ने शनिवार को अपने अधीन विभागों के शीर्ष अधिकारियों से कथित फर्जी नियुक्ति एवं ‘ऑफर लेटर’ के खिलाफ पुलिस में शिकायत दर्ज कराने का निर्देश दिया है।

मंत्री का यह निर्देश तब आया है जब कांग्रेस की गोवा इकाई के अध्यक्ष अमित पाटकर ने शहरी विकास, नगर एवं ग्राम नियोजन तथा स्वास्थ्य विभागों में नौकरी के इच्छुक उम्मीदवारों को दिए गए ऐसे कई पत्र दिखाए। ये विभाग राणे के अधीन आते हैं।

पाटकर ने एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए दावा किया कि यह अभ्यर्थियों से धन उगाही की कोशिश है। उन्होंने कहा कि ‘ऑफर लेटर’ और नियुक्ति पत्रों पर विभागाध्यक्षों के हस्ताक्षर हैं।

राणे ने पाटकर के आरोपों पर प्रतिक्रिया देते हुए मीडिया में एक बयान जारी किया। उन्होंने कहा, ‘‘सरकारी अधिकारियों के हस्ताक्षरों की जालसाजी एक आपराधिक कृत्य है। सभी विभाग प्रमुखों को इन फर्जी दस्तावेजों को बनाने और वितरण में शामिल व्यक्तियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने का निर्देश दिया गया है।’’

राणे ने दावा किया कि एक पत्र पर वन विभाग की जाली मुहर लगी है और इसमें अधिकारी ज्योति सरदेसाई को गलत तरीके से फंसाया गया है क्योंकि वास्तव में वह खाद्य एवं औषधि प्रशासन के पूर्व निदेशक हैं।

राणे ने बयान में कहा कि इससे पता चलता है कि लोग किस हद तक सरकारी अधिकारियों के खिलाफ गलत बयानबाजी कर रहे हैं और जनता को गुमराह कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि इस तरह की अपमानजनक गतिविधियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।

राणे ने दावा किया कि एक व्यक्ति द्वारा कथित तौर पर सरकारी नौकरियां बेचने की पेशकश करने वाली कॉल रिकॉर्डिंग को प्रसारित करने का उद्देश्य मंत्री और संबंधित विभागों की प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचाना था।

मंत्री ने कहा, ‘‘यह सुनिश्चित करने के लिए कदम उठाए जाने चाहिए कि पुलिस इस कदाचार की जांच करे और उसका समाधान करे।’’

राज्य में सरकारी नौकरियों के लिए नकद ‘घोटाला’ तब सामने आया जब छह लोगों को कथित तौर पर रिश्वत लेने के आरोप में गिरफ्तार किया गया। इसके बाद मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत ने लोगों से अपील की कि उनके साथ अगर इस तरह से कोई धोखाधड़ी हुई है तो वे आगे आएं और शिकायत दर्ज कराएं।

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