SEBI प्रमुख पर फिर कांग्रेस का आरोप, 'जांच के दायरे में हैं जो कंपनियां, उनसे बुच ने लिया किराया, जो भ्रष्टाचार...'
पवन खेड़ा ने कहा कि माधबी पुरी बुच ने अपनी प्रॉपर्टी जिस कंपनी को दी उसका नामकैरोल इंफो सर्विसेज लिमेटड है, जो Wockhardt कंपनी का हिस्सा है। Wockhardt वही कंपनी है, जिससे जुड़ी शिकायतों को SEBI लगातार डील कर रहा है। ये पूरी तरह से करप्शन का मामला है।
कांग्रेस नेता पवन खेड़ा ने कहा, "सवाल यह है कि मुंबई में माधबी पुरी बुच और उनके पति के नाम पर एक कंपनी है। कंपनी का नाम कैरोल इंफो सर्विसेज लिमिटेड है। यह वोकहार्ट लिमिटेड नामक कंपनी का हिस्सा है, उनके प्रमोटर एक ही हैं। वोकहार्ट एक ऐसी कंपनी है जिस पर सेबी लगातार आदेश दे रही है और उसके मामलों को देख रही है। माधबी पुरी बुच उसी संगठन (सेबी) की अध्यक्ष हैं, जिसके खिलाफ पहले भी वोकहार्ट के खिलाफ शिकायतें हैं। इनसाइडर ट्रेडिंग का भी एक मामला था, उनके संगठन (सेबी) ने वोकहार्ट के इनसाइडर ट्रेडिंग मामले को भी देखा था। यह हितों का टकराव है, मैं इसे भ्रष्टाचार कहूंगा। यह सिर्फ हितों का टकराव नहीं है, यह पूरी तरह से भ्रष्टाचार है।"
इससे पहले पवन खेड़ा ने प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए बड़े आरोप लगाए थे। उन्होंने कहा था, "इस देश में शतरंज का खेल चल रहा है लेकिन खिलाड़ी कौन है, इस पर हम निर्णायक तौर पर पहुंचे नही हैं। अलग-अलग मोहरे हैं। उनमें से एक मोहरे के विषय पर बात करने हम हैं, जिनका नाम है माधबी पुरी बुच।"
पवन खेड़ा ने आगे कहा था, "माधबी पुरी बुच, SEBI की मेंबर थीं, उसके बाद 2 मार्च 2022 को चेयरपर्सन बनीं। सेबी शेयर मार्केट की रेगुलेटर है और इनकी नियुक्ति प्रधानमंत्री और गृहमंत्री करते हैं। " पवन खेड़ा ने दावा किया था कि SEBI चीफ साथ तीन जगहों से सैलरी ले रही थीं. वो ICICI बैंक, ICICI प्रुडेंशियल और SEBI से एक साथ सैलरी ले रही थीं।
पवन खेड़ा ने कहा था, "यह सीधे-सीधे SEBI के सेक्शन-54 का उल्लंघन है। इसलिए अगर माधबी पुरी बुच में थोड़ी भी शर्म होगी तो उन्हें अपने पद से इस्तीफा दे देना चाहिए।"
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