Yes Bank को बचाने में जनता का पैसा लगा रही मोदी सरकार! कांग्रेस ने SBI ग्राहकों का ब्याज मारने का लगाया आरोप

संकटग्रस्त यस बैंक को उबारने के मोदी सरकार के प्लान को ‘माल जनता का, मशहूरी कंपनी की’ बताते हुए कांग्रेस नेता रणदीप सुरजेवाला ने बताया कि यस बैंक में जो पैसा एसबीआई लगाने वाली है, वह उसके 44.51 करोड़ ग्राहकों के खातों पर मिलने वाले ब्याज में कटौती से आएगा।

फोटोः सोशल मीडिया
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नवजीवन डेस्क

कांग्रेस ने शुक्रवार को आरोप लगाया कि नरेंद्र मोदी सरकार यस बैंक को बचाने के लिए भारतीय स्टेट बैंक के ग्राहकों का ब्याज काटकर उसमें लगा रही है। कांग्रेस ने आरोप लगाया कि मोदी सरकार एसबीआई के 44.51 करोड़ ग्राहकों के खातों पर मिलने वाले ब्याज में कटौती कर उससे मिले करीब 7000 करोड़ रुपये संकटग्रस्त यस बैंक में डाल रही है। इसके साथ ही कांग्रेस ने 112 करोड़ प्रीपेड सैलफोन ग्राहकों की जेब से 1,60,000 करोड़ लूटने का भी मोदी सरकार पर आरोप लगाया।

संकटग्रस्त यस बैंक को उबारने के मोदी सरकार के प्लान को “माल जनता का, मशहूरी कंपनी की” बताते हुए कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला और अधीर रंजन चौधरी ने बताया कि देश में एसबीआई के 44.51 करोड़ खाताधारक हैं। एक दिन पहले एसबीआई ने बचत खातों ब्याज 3.25 प्रतिशत से घटाकर 3 प्रतिशत कर दिया। इसके साथ ही बैंक ने फिक्स्ड डिपॉजिट का ब्याज भी 10 से 50 बेसिस प्वाईंट तक घटा दिया, यानि इसमें भी लगभग 0.25 प्रतिशत से 0.50 प्रतिशत तक कमी कर दी गई।

सुरजेवाला ने बताया कि एसबीआई की 2018-19 की बैलेंसशीट के मुताबिक बचत खातों में 10,91,751 करोड़ रुपये जमा हैं। ऐसे में अगर ब्याज 0.25 प्रतिशत भी कम हो, तो एसबीआई खाताधारकों को सालाना 2,729 करोड़ रुपये ब्याज का नुकसान है। इसी तरह 2018-19 की बैलेंसशीट के अनुसार बैंक के पास फिक्स्ड डिपॉजिट में 16,14,058 करोड़ रुपये हैं। अगर इसमें 0.25 प्रतिशत भी ब्याज कम होता है, तो फिक्स्ड डिपॉजिट करने वालों को सालाना 4,035 करोड़ रुपये ब्याज का नुकसान है।

उन्होंने कहा कि यही दोनों राशि मिलाकर (2,729 करोड़ रु + 4,035 करोड़ रु) 6,764 करोड़ रुपये बनते हैं। इसके अलावा एसबीआई की 2019-20 की बैलेंसशीट भी अभी आनी बाकी है, जिसमें खाताधारकों की जमा राशि बढ़नी तय है, जिससे सालाना ब्याज के नुकसान की राशि 7000 करोड़ रुपये पहुंच जाएगी। सुरजेवाला ने कहा, यस बैंक को संकट से उबारने के लिए एसबीआई की जिस योजना को मोदी सरकार ने मंजूरी दी है, उसके तहत एसबीआई 7250 करोड़ रुपये का निवेश करेगी। मतलब साफ है कि एसबीआई के 44.51 करोड़ खाताधारकों के जमा पैसों पर मिलने वाले ब्याज में से 7000 करोड़ रुपये की कटौती कर डूबते यस बैंक में लगाया जा रहा है।

गौरतलब है कि केंद्रीय मंत्रिमंडल ने शुक्रवार को यस बैंक के पुनर्गठन की योजना को मंजूरी दे दी। भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा पेश की गई इस योजना के तहत एसबीआई यस बैंक की 49 प्रतिशत हिस्सेदारी खरीदेगा, जिसके लिए वह यस बैंक में 7,250 करोड़ रुपये निवेश करेगा। इसके अलावा निजी क्षेत्र के कुछ बैंक और कुछ कारोबारी समूह भी यस बैंक में अपनी हिस्सेदारी खरीदेंगे।

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Published: 13 Mar 2020, 9:29 PM