बिहार में जातीय जनगणना का श्रेय लेने की मची होड़, केंद्र में इनकार करने वाली BJP दावों में सबसे आगे

सत्तारूढ़ जेडीयू और मुख्य विपक्षी आरजेडी जहां इसका श्रेय लेने के लिए तत्पर दिख रही हैं, वहीं बीजेपी भी अब इसका कभी विरोध नहीं करने का दावा कर रही है। बीजेपी के राज्यसभा सांसद सुशील कुमार मोदी का कहना है कि बीजेपी कभी भी जातीय जनगणना के विरोध में नहीं रही।

फोटोः सोशल मीडिया
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नवजीवन डेस्क

बिहार की नीतीश सरकार द्वारा सर्वदलीय बैठक बुलाकर जातीय जनगणना कराने को मंजूरी देने के बाद राज्य में इसकी तैयारी शुरू हो गई है। लेकिन इस बीच राजनीतिक दलों में इसका श्रेय लेने की होड़ मच गई है और इसमें सबसे आगे बीजेपी है, जिसकी केंद्र की मोदी सरकार ने देश में इसे कराने से इनकार कर दिया था।

सत्तारूढ़ जेडीयू और आरजेडी जहां इसका श्रेय लेने के लिए तत्पर दिख रही है, वहीं बीजेपी भी अब इसका कभी विरोध नहीं करने का दावा कर रही है। बीजेपी के नेता और राज्यसभा सांसद सुशील कुमार मोदी का कहना है कि बीजेपी कभी भी जातीय जनगणना के विरोध में नहीं रही ।
उन्होंने कहा कि बिहार विधानसभा और विधान परिषद में दो-दो बार सर्वसम्मत प्रस्ताव बीजेपी की सहमति से ही जेडीयू-बीजेपी सरकार के कार्यकाल में पारित हुआ। आरजेडी -कांग्रेस के कार्यकाल में कभी प्रस्ताव क्यों नहीं आया?

सुशील मोदी ने कहा कि महाराष्ट्र और उड़ीसा विधानसभा से भी सर्वसम्मत प्रस्ताव पारित हुआ जहां बीजेपी महत्वपूर्ण दल था । यदि बीजेपी विरोध में होती तो कभी अपने वरिष्ठ मंत्री जनक राम और झारखंड में प्रदेश अध्यक्ष दीपक प्रकाश को प्रधानमंत्री से मिलने वाले सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल में शामिल नहीं कराती।

मोदी ने सवालिया लहजे में कहा कि आरजेडी तो 2004 से 2014 तक केंद्र सरकार में शामिल थी तो उसने 2011 की जनगणना में जाति का एक कॉलम क्यों नहीं जुड़वाया? उन्होंने कहा कि आरजेडी अनावश्यक श्रेय लेने का प्रयास ना करे। इसका इतिहास तो रहा है कि पंचायत और नगर निकाय चुनाव में पिछड़ों को बिना आरक्षण दिए चुनाव करा दिया था।


इधर, आरजेडी के नेता तेजस्वी यादव का कहना है कि वर्ष 2011 के सामाजिक, आर्थिक और जाति आधारित जनगणना की रिपोर्ट बीजेपी सरकार ने सार्वजनिक नहीं की। उसके बाद से धरना-प्रदर्शन इत्यादि के जरिए हमारा संघर्ष अनवरत जारी रहा। विधानसभा से दो बार प्रस्ताव पारित कराया गया। प्रतिनिधिमंडल बीजेपी से मिला। हमने सभी दलों को पत्र लिखा। फिर भी बीजेपी ने इनकार किया। उन्होंने कहा कि हमने इन्हें अल्टिमेटम देकर आंदोलन करने की घोषणा की तो जाकर बीजेपी बाध्य हुई और बिहार में उसे हमारे विचार के साथ खड़े होकर समर्थन करना पड़ा।

वहीं जेडीयू के प्रदेश अध्यक्ष उमेश सिंह कुशवाहा ने इस मामले में राजनीति नहीं करने की अपील की। उन्होंने आरजेडी को निशाने पर लेते हुए कहा कि यदि सही में आरजेडी को इतनी चिंता थी, तो वर्ष 2011 में यूपीए सरकार द्वारा कराए गए जनगणना की रिपोर्ट क्यों नहीं प्रकाशित कराया गया। उन्होंने कहा कि आरजेडी जातीय भावना भड़काकर लाभ लेना चाहता है।

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