'INDIA' में शामिल 26 विपक्षी दलों का सामूहिक संकल्प- शासन के सार और शैली दोनों को बदलने का वादा
विपक्षी दलों ने कहा कि हम उस मानवीय त्रासदी पर अपनी गंभीर चिंता व्यक्त करते हैं जिसने मणिपुर को नष्ट कर दिया है। प्रधानमंत्री की चुप्पी चौंकाने वाली और अभूतपूर्व है। मणिपुर को शांति और सुलह के रास्ते पर वापस लाने की तत्काल आवश्यकता है।
कर्नाटक की राजधानी बेंगलुरू में 26 विपक्षों दलों की बैठक गठबंधन के नाम सहित कई फैसलों के साथ खत्म हो गई है। अब अगली बैठक मुंबई में होगी, जिसमें समन्वय समिति के सदस्यों के नाम के साथ कई अहम फैसले लिए जाएंगे। आज की बैठक के बाद इसमें शामिल सभी दलों के नेताओं ने साझा बयान जारी किया है। इस बयान को सामूहिक संकल्प नाम दिया गया है।
विपक्षी दलों ने बयान में कहा, "हम, भारत की 26 प्रगतिशील पार्टियों के अधोहस्ताक्षरी नेता, संविधान में निहित भारत के विचार की रक्षा के लिए अपना दृढ़ संकल्प व्यक्त करते हैं। बीजेपी द्वारा योजनाबद्ध तरीके से हमारे गणतंत्र के चरित्र पर गंभीर हमला किया जा रहा है। हम अपने देश के इतिहास में सबसे महत्वपूर्ण मोड़ पर हैं। भारतीय संविधान के मूलभूत स्तंभों- धर्मनिरपेक्ष लोकतंत्र, आर्थिक संप्रभुता, सामाजिक न्याय और संघवाद को व्यवस्थित और खतरनाक तरीके से कमजोर किया जा रहा है।"
"हम उस मानवीय त्रासदी पर अपनी गंभीर चिंता व्यक्त करते हैं जिसने मणिपुर को नष्ट कर दिया है। प्रधानमंत्री की चुप्पी चौंकाने वाली और अभूतपूर्व है। मणिपुर को शांति और सुलह के रास्ते पर वापस लाने की तत्काल आवश्यकता है।"
"हम संविधान और लोकतांत्रिक रूप से निर्वाचित राज्य सरकारों के संवैधानिक अधिकारों पर लगातार हो रहे हमले का मुकाबला करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। हमारी राजनीति के संघीय ढांचे को जानबूझकर कमजोर करने का प्रयास किया जा रहा है। गैर-बीजेपी शासित राज्यों में राज्यपालों और एलजी की भूमिका सभी संवैधानिक मानदंडों से अधिक हो गई है। राजनीतिक प्रतिद्वंद्वियों के खिलाफ बीजेपी सरकार द्वारा एजेंसियों का बेधड़क दुरुपयोग हमारे लोकतंत्र को कमजोर कर रहा है। केंद्र द्वारा गैर बीजेपी शासित राज्यों की वैध जरूरतों, आवश्यकताओं और अधिकारों को सक्रिय रूप से नकारा जा रहा है।"
"हम आवश्यक वस्तुओं की लगातार बढ़ती कीमतों और रिकॉर्ड बेरोजगारी के गंभीर आर्थिक संकट का मुकाबला करने के अपने संकल्प को मजबूत करते हैं। नोटबंदी अपने साथ एमएसएमई और असंगठित क्षेत्रों के लिए अनकहा दुख लेकर आई थी, जिसके परिणामस्वरूप हमारे युवाओं में बड़े पैमाने पर बेरोजगारी हुई। हम मोदी सरकार के अपने कुछ चिंद मित्रों को देश की संपत्ति की अंधाधुंध बिक्री का विरोध करते हैं। हमें एक मजबूत और रणनीतिक सार्वजनिक क्षेत्र के साथ-साथ एक प्रतिस्पर्धी और समृद्ध निजी क्षेत्र के साथ एक निष्पक्ष अर्थव्यवस्था का निर्माण करना चाहिए, जिसमें उद्यम की भावना को बढ़ावा दिया जाए और विस्तार करने का हर अवसर दिया जाए। किसान और खेत मजदूर के कल्याण को हमेशा सर्वोच्च प्राथमिकता मिलनी चाहिए।"
"हम अल्पसंख्यकों के खिलाफ पैदा की जा रही नफरत और हिंसा को हराने के लिए एक साथ आए हैं। महिलाओं, दलितों, आदिवासियों और कश्मीरी पंडितों के खिलाफ बढ़ते अपराधों को रोकें, सभी सामाजिक, शैक्षणिक और आर्थिक रूप से पिछड़े समुदायों के लिए निष्पक्ष सुनवाई की मांग करें और, पहले कदम के रूप में, जाति जनगणना लागू करें।"
"हम अपने साथी भारतीयों को निशाना बनाने, सताने और दबाने की बीजेपी की साजिश से लड़ने का संकल्प लेते हैं। उनके नफरत के जहरीले अभियान ने सत्तारूढ़ दल और उसकी विभाजनकारी विचारधारा का विरोध करने वाले सभी लोगों के खिलाफ भयानक हिंसा को जन्म दिया है। ये हमले न केवल संवैधानिक अधिकारों और स्वतंत्रता का उल्लंघन कर रहे हैं बल्कि उन बुनियादी मूल्यों को भी नष्ट कर रहे हैं जिन पर भारतीय गणराज्य की स्थापना की गई है- स्वतंत्रता, समानता और बंधुत्व और न्याय - राजनीतिक, आर्थिक और सामाजिक। भारतीय इतिहास का पुनर्निमाण और पुनर्लेखन करके सार्वजनिक चर्चा को दूषित करने की बीजेपी की बार-बार की कोशिशें सामाजिक सद्भाव का अपमान हैं।"
"हम राष्ट्र के सामने एक वैकल्पिक राजनीतिक, सामाजिक और आर्थिक एजेंडा पेश करने का संकल्प लेते हैं। हम शासन के सार और शैली दोनों को बदलने का वादा करते हैं जो अधिक परामर्शात्मक, लोकतांत्रिक और भागीदारीपूर्ण होगी।"
जय हिंद
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