ऑल्ट न्यूज संस्थापक के खिलाफ कार्रवाई पर हाईकोर्ट ने लगाई रोक, पुलिस से 8 हफ्ते में मांगा स्टेटस रिपोर्ट

हाल में ट्विटर के माध्यम से एक बच्ची को धमकाने और प्रताड़ित करने की राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग की शिकायत पर दिल्ली पुलिस साइबर सेल और रायपुर पुलिस द्वारा आईटी अधिनियम और पोक्सो एक्ट की धाराओं के तहत जुबैर के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई थी।

फोटोः सोशल मीडिया
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आईएएनएस

दिल्ली हाईकोर्ट ने ऑल्ट न्यूज के सह-संस्थापक मो. जुबैर के खिलाफ दिल्ली पुलिस की साइबर सेल द्वारा दर्ज की गई एफआईआर में किसी भी तरह की कार्रवाई पर रोक लगा दी है। जुबैर ने दिल्ली पुलिस की साइबर सेल द्वारा उनके खिलाफ कथित तौर पर 'ट्विटर के माध्यम से एक लड़की को धमकाने और प्रताड़ित करने' के लिए दर्ज की गई एफआईआर में राहत के लिए दिल्ली हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया था।

बुधवार को न्यायमूर्ति योगेश खन्ना की अध्यक्षता वाली एकल पीठ ने पुलिस को मामले में कोई भी दंडात्मक कार्रवाई नहीं करने का निर्देश देते हुए मामले में आठ सप्ताह के भीतर एक स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश दिया है। साथ ही कोर्ट ने ट्विटर इंडिया को पुलिस के साथ सहयोग करने और जांच में सहायता करने के लिए भी कहा है। अब मामले में अगली सुनवाई 8 दिसंबर को होगी।

हाल ही में राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (एनसीपीसीआर) द्वारा कथित रूप से 'ट्विटर के माध्यम से एक बच्ची को धमकाने और प्रताड़ित करने' की शिकायत को लेकर दिल्ली पुलिस साइबर सेल और रायपुर पुलिस द्वारा आईटी अधिनियम और पोक्सो की धाराओं के तहत जुबैर के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई थी।

हाईकोर्ट में दाखिल अपनी याचिका में जुबैर ने कहा, "याचिकाकर्ता के खिलाफ दो अलग-अलग एफआईआर दर्ज की गई हैं, एक दिल्ली पुलिस साइबर सेल और दूसरी छत्तीसगढ़ के रायपुर में। याचिकाकर्ता दिल्ली में दर्ज एफआईआर के संबंध में पेशी याचिका दायर कर रहा है और रायपुर में अलग से दर्ज एफआईआर को चुनौती देने की प्रक्रिया में है। याचिकाकर्ता को डर है कि उसे दिल्ली पुलिस तुरंत गिरफ्तार कर सकती है, इसलिए पेशी याचिका डाली गई है।"

याचिका में उन्होंने आगे कहा कि वह एक पत्रकार हैं और भारत के सबसे अधिक पढ़े जाने वाली तथ्य-जांच वेबसाइट न्यूज आउटलेट- ऑल्ट न्यूज के सह-संस्थापक हैं। याचिका में जुबैर ने आगे कहा, "याचिकाकर्ता एक जिम्मेदार नागरिक है जो अपने समाचार आउटलेट के माध्यम से बिना पक्षपात के जानकारी देता है, ऐसे में जिन लोगों के खिलाफ वे खुलासा करते हैं, उन्हें धमकी देते हैं।"

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