अरुणाचल से लापता पांच युवकों को चीन कल भारत को सौंपेगा, कांग्रेस नेताओं ने जोरशोर से उठाया था मुद्दा
पहले तो अरुणाचल और केंद्र की सरकार इस मामले पर चुप्पी साधे रही, लेकिन कांग्रेस नेताओं द्वारा जोरशोर से मामला उठाए जाने पर हरकत में आई। दबाव बढ़ने पर सरकार ने पांच युवकों के लापता होने की बात मानी और इस मामले पर कार्रवाई शुरू की, जिसका अब नतीजा निकला है।
अरुणाचल प्रदेश के लापता पांच युवकों को चीन शनिवार को भारत सरकार को सौंप देगा। केंद्रीय युवा मामलों और खेल मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) किरण रिजिजू ने शुक्रवार को यहा जानकारी देते हुए कहा कि चीन शनिवार को अरुणाचल प्रदेश के पांच युवकों को भारत सरकार को सौंप देगा। पांचों युवक 2 सितम्बर से लापता थे। बाद में मामला सामने आने पर सरकार ने दावा किया कि ये युवक गलती से चीनी सीमा में प्रवेश कर गए हैं।
इससे एक दिन पहले पांचों युवकों के चीन के कब्जे में होने की पुष्टि हुई थी। इसकी पुष्टि भी केंद्रीय मंत्री किरण रिजिजू ने ट्वीट कर दी थी कि "भारतीय सेना की तरफ से लापता लोगों के बारे में भेजे गए हॉटलाइन संदेश पर चीन की सेना ने जवाब दिया है। चीन ने पुष्टि की है कि अरुणाचल से लापता युवक उनकी तरफ पाए गए हैं। उन्हें अधिकारियों को सौंपे जाने की आपौचारिकताओं पर काम किया जा रहा है।"
बता दें कि अरुणाचल प्रदेश के ऊपरी सुबासिरी जिले के रहने वाले ये पांचों युवक 2 सितम्बर को लापता हो गए थे। स्थानीय मीडिया और लोगों का दावा था कि पांचों का चीनी सेना ने अपहरण कर लिया है। खबर के अनुसरा पांचों का अपहरण ऊपरी सुबासिरी जिले के नाचो के पास एक वन क्षेत्र में हुआ। अगवा किए गए व्यक्तियों में टोच सिंगकम, प्रसाद रिंगलिंग, डोंगटू इबिया, तनु बेकर और नार्गु डिरी शामिल हैं। मीडिया के अनुसार अपहर्त व्यक्तियों के साथ जंगल गए और किसी तरह भागने में कामयाब रहे दो अन्य ग्रामीणों ने लोगों को घटना के बारे में बताया था।
इस मामले के सामने आने के बाद अरुणाचल प्रदेश के कांग्रेस विधायक निनॉन्ग ईरिंग ने सबसे पहले इस मुद्दे को जोरशोर से उठाया था। उन्होंने ट्वीट कर कहा, "हमारे राज्य अरुणाचल प्रदेश के ऊपरी सुबासिरी जिले के पांच लोगों का कथित तौर पर चीन की पीएलए ने अपहरण कर लिया है। कुछ महीने पहले भी इसी तरह की घटना घटी थी। पीएलए और चाइनीज कम्युनिस्ट पार्टी (सीसीपी) को मुंहतोड़ जवाब दिया जाना चाहिए।"
इसके बाद लोकसभा में कांग्रेस के उपनेता गौरव गोगोई ने रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह से अरुणाचल के पांच युवाओं की सुरक्षित वापसी सुनिश्चित करने का आग्रह किया था। गौरव गोगोई ने राजनाथ सिंह को लिखा, "मैं आपको अरुणाचल प्रदेश के उन पांच युवकों की स्थिति के बारे में अपनी गंभीर चिंता दर्ज करने के लिए लिख रहा हूं, जो एक शिकार अभ्यास के दौरान ऊपरी सुबनसिरी जिले से लापता हो गए हैं। उनके परिवार के सदस्यों ने बयान दिया है कि उनका अपहरण कर लिया गया है और चीनी सेना इस घटना के लिए जिम्मेदार है।”
पहले तो अरुणाचल की और केंद्र की सरकार इस मामले पर चुप्पी साधे रही, लेकिन कांग्रेस नेताओं द्वारा जोरशोर से मामला उठाए जाने पर सरकार हरकत में आई। उसके बाद जाकर सरकार ने माना कि पांच स्थानीय युवक लापता हुए हैं। दबाव बढ़ने पर रिजिजू ने कहा था कि भारतीय सेना ने अरुणाचल प्रदेश के पांच व्यक्तियों के कथित अपहरण के बारे में पीएलए को एक हॉटलाइन संदेश भेजा है।
बता दें कि भारत-चीन सीमा ऊपरी सुबासिरी जिले के मुख्यालय दापोरिजो से लगभग 170 किलोमीटर दूर है, जो राज्य की राजधानी ईटानगर से 280 किलोमीटर दूर है। अरुणाचल प्रदेश के दूरदराज और पहाड़ी क्षेत्रों में ग्रामीण हमेशा पैदल ही जाने पर मजबूर होते हैं, क्योंकि वहां कोई उचित सड़क नहीं है। अरुणाचल प्रदेश की चीन के साथ 1,080 किलोमीटर की सीमा लगती है। जबकि म्यांमार के साथ 520 किलोमीटर और भूटान के साथ 217 किलोमीटर की सीमा लगती है।
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