एलएसी पर भारत-चीन के बीच हो रही थी सैन्य बातचीत, उसी वक्त पेंगोंग झील के उत्तर में चीन ने शुरु कर दिया नया निर्माण
भारत और चीन के बीच बुधवार को भी सैन्य वार्ता हुई, जो बेनतीजा खत्म हो गई। इस बीच सूत्रों ने खबर दी है कि जिस वक्त दोनों देशों के बीच बातचीत हो रही थी उसी समय चीन पेंगोंग झील के उत्तर में फिंगर क्षेत्र में नया निर्माण शुरु कर दिया है।
भारतीय और चीनी सैन्य प्रतिनिधियों ने बुधवार को पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर तनाव को कम करने के लिए एक बार फिर मुलाकात की, लेकिन बातचीच फिर बेनतीजा ही खत्म हुई।दोनों देशों के सैन्य प्रतिनिधि फिर से विचार-विमर्श के लिए मिलेंगे।
चीनी पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) के सैनिकों ने सात सितंबर को एलएसी पर तैनात भारतीय सैनिकों को उनकी पोजिशन से विचलित करने के लिए एक उत्तेजक सैन्य प्रयास किया था और चेतावनी के तौर पर फायरिंग भी की थी। एक सूत्र ने कहा, "दोनों देशों के ब्रिगेड कमांडरों के बीच आज वार्ता हुई।"
सूत्र ने आगे कहा कि भारत ने बैठक के दौरान स्पष्ट रूप से कहा है कि अगर चीनी सैनिक उत्तेजक सैन्य कार्रवाई को अंजाम देंगे, तो भारतीय सैनिक जवाबी कार्रवाई करेंगे। इससे पहले दिन में यह देखा गया कि चीन ने पैंगोंग झील के उत्तर में फिंगर क्षेत्र में एक ताजा निर्माण शुरू किया। पीएलए सैनिकों की तैनाती मंगलवार शाम से बढ़ गई है। वे अधिक सामग्री और लॉजिस्टिक आइटम भी ला रहे हैं।
दोनों पक्षों के सैनिक एक दूसरे से थोड़ी ही दूरी पर हैं। एक सरकारी सूत्र ने कहा, "वे स्पष्ट दृश्यमान सीमा के भीतर हैं (एक-दूसरे को अच्छे से देख सकते हैं) और भारतीय सैनिक उनकी गतिविधियों पर कड़ी नजर रख रहे हैं।"
मंगलवार को भी पूर्वी लद्दाख के रेजांग ला के उत्तर में भारतीय सेना के ठिकानों से कुछ ही मीटर दूर तकरीबन 40 से 50 चीनी सैनिक भाले, बंदूक और धारदार हथियारों से लैस होकर पहुंचे थे।
पीएलए के सैनिक भारतीय सेना को उसके ठिकानों से हटाने के लिए नए सिरे से प्रयास कर रहे हैं। यह घटनाक्रम झील के दक्षिणी तट पर सात सितंबर को एक झड़प होने के तुरंत बाद शुरू हुआ है, जहां भारतीय सेना अपनी पहुंच बनाए हुए है।
भारतीय सेना ने पैंगोंग झील के दक्षिणी तट के आसपास के क्षेत्रों में महत्वपूर्ण ऊंचाइयों पर अपनी पहुंच बना ली है और चीन ने यहां कई अन्य पोजिशन पर अपना कब्जा करने के लिए कई प्रयास किए हैं। यह नया गतिरोध बिंदु बन गया है, क्योंकि भारतीय सेना यहां एक लाभप्रद स्थिति में है।
भारतीय सेना ने उन ऊंचाइयों पर कब्जा कर लिया है, जो इसे चीनी नियंत्रण के तहत आने वाले चीनी मोल्दो गैरीसन और स्पंगुर गैप पर हावी होने में फायदा पहुंचा सकती है। भारत और चीन दोनों इनमें से कुछ ऊंचाइयों पर अपना दावा करते हैं। भारतीय सेना की सबसे महत्वपूर्ण ऊंचाइयों में से एक है रेचिन ला, जिसका चीनी विरोध कर रहे हैं।
भारत और चीन की सेना पूर्वी लद्दाख में एलएसी के पास चार महीने से आमने-सामने है। कई दौर की बातचीत के बावजूद कोई सफलता नहीं मिली है और गतिरोध जारी है।
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