बजट में पेश टैक्स व्यवस्था पर चिदंबरम ने फिर खड़े किए सवाल, कहा- समाचार पत्रों में छपे विश्लेषणों से खुल रहा रहस्य
पी चिदंबरम ने कहा कि कि मुझे खेद है कि ओटीआर और एनटीआर के इस हो-हल्ला में एक विकासशील देश में व्यक्तिगत बचत के महत्व को भुला दिया गया है।
पूर्व केंद्रीय मंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी चिदंबरम ने एक बार फिर केंद्रीय बजट में पेश नई कर व्यवस्था पर सवाल खड़े किए हैं। उन्होंने कहा कि नई कर व्यवस्था का रहस्य प्रमुख समाचार पत्रों में छपे विश्लेषणों और लोखों से खुल रहा है, सभी के सामने आ रहा है।
चिदंबरम ने कहा कि अधिकांश लोगों के लिए राज्य द्वारा प्रदत्त सुरक्षा तंत्र के अभाव में व्यक्तिगत बचत ही एकमात्र सामाजिक सुरक्षा है। उन्होंने कहा कि मुझे खेद है कि ओटीआर और एनटीआर के इस हो-हल्ला में एक विकासशील देश में व्यक्तिगत बचत के महत्व को भुला दिया गया है।
इससे पहले बुधवार को बजट पेश होने के बाद चिदंबरम प्रेस से मुखातिब हुए थे। इस दौरान उन्होंने नई कर व्यवस्था को लेकर कई सवाल खड़े किए थे। उन्होंने कहा था कि फायदा सिर्फ नई कर व्य़वस्था चुनने वालों को मिलेगा, लेकिन यह नहीं बताया गया है कि पुरानी कर व्यवस्था अपनाने वालों के साथ क्या होगा। उन्होंने कहा कि नई कर व्यवस्था को डिफॉल्ट बनाना आम लोगों के साथ अन्याय है, क्योंकि इससे साधारण टैक्सपेयर उन अल्प सामाजिक सुरक्षा से वंचित कर देगा जो उसे पुरानी कर व्यवस्था के तहत मिल सकती है।
बजट पर सवाल खड़े करते हुए चिदंबरम ने कहा कि कोई भी इनडायरेक्ट टैक्स कम नहीं किया गया है। खासतौर से बेहद अतार्किक जीएसटी दरों में कोई कटौती नहीं की गई है। पेट्रोल, डीजल, सीमेंट, उर्वरक आदि की कीमतों में कोई कमी नहीं हुई है।
इसे भी पढ़ें: बजट में गरीबों का जिक्र नहीं, अमीर-गरीब की खाई भरने के उपाय नहीं, आम लोगों की उम्मीदों के साथ विश्वासघात: चिदंबरम
इसे भी पढ़ें: नई कर व्यवस्था से हैं परेशान, यहां दूर होगी टैक्स स्लैब को लेकर सारी कन्फ्यूजन!
Google न्यूज़, नवजीवन फेसबुक पेज और नवजीवन ट्विटर हैंडल पर जुड़ें
प्रिय पाठकों हमारे टेलीग्राम (Telegram) चैनल से जुड़िए और पल-पल की ताज़ा खबरें पाइए, यहां क्लिक करें @navjivanindia