मोदी सरकार के 'प्रोजेक्ट चीता' को झटका! कूनो नेशनल पार्क में मिला 'सूरज' का शव, अब तक 8 चीतों की मौत
25 जून को साउथ अफ्रीका के इस नर चीता सूरज को बड़े बाड़े से जंगल में छोड़ा गया था। वन विभाग से मिली जानकारी के अनुसार सूरज नाम के चीते की शुक्रवार को मौत हुई है।
मध्य प्रदेश के श्योपुर जिले में स्थित कूनो नेशनल पार्क से एक बार फिर वन्य प्राणी प्रेमियों के लिए बुरी खबर आ रही है। यहां सूरज नाम के नर चीते ने दम तोड़ दिया है। इस सप्ताह यह दूसरे चीते की मौत है। सूरज की मौत की वजह का खुलासा नहीं हो पाया है। अभी हाल में ही 25 जून को साउथ अफ्रीका के इस नर चीता सूरज को बड़े बाड़े से जंगल में छोड़ा गया था। वन विभाग से मिली जानकारी के अनुसार सूरज नाम के चीते की शुक्रवार को मौत हुई है।
सूरज के शरीर पर कुछ चोट के निशान भी पाए गए हैं। आशंका जताई जा रही है कि बीते दिनों तेजस और सूरज के बीच हिंसक झड़प हुई थी। जिसमें दोनों घायल हुए थे। तेजस के शरीर पर भी घाव मिले थे। मगर, पोस्टमार्टम रिपोर्ट में तेजस की मौत की वजह आंतरिक अंगों की कमजोरी बताई गई। सूरज के शरीर पर भी कुछ घाव हैं।
बीते मंगलवार को ही कूनो में नर चीता तेजस की मौत हो गई थी। एक वन अधिकारी ने बताया कि तेजस की पोस्टमार्टम रिपोर्ट से पता चला कि वह आंतरिक रूप से कमजोर हो गया था। मादा चीता के साथ हिंसक लड़ाई के बाद उबर नहीं पाया। नर चीते तेजस को इसी साल फरवरी में दक्षिण अफ्रीका से श्योपुर जिले के कूनो नेशनल पार्क में लाया गया था। पिछले चार महीने में पार्क में 8 चीतों की मौत हो चुकी है, जिसमें पांच वयस्क और तीन शावक चीते शामिल हैं।
उधर, कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष कमलनाथ ने चीते की मौत पर ट्वीट कर कहा- कूनो नेशनल पार्क में आज आठवें चीते की मृत्यु का समाचार प्राप्त हुआ। लगातार चीतों की मौत होने के बावजूद अब तक ऐसी कोई योजना सामने नहीं आई है, जिसमें इन वन्य प्राणियों के जीवन को संरक्षित करने की कोई पहल की गई हो। राजनीतिक प्रदर्शन-प्रियता के लिए वन्य प्राणियों को शोभा की वस्तु बनाना, लोकतंत्र के चुने हुए प्रतिनिधियों को शोभा नहीं देता। उन्होंने आगे कहा मैं जिम्मेदार लोगों से आग्रह करता हूं कि वह पर्यावरणविद् और वैज्ञानिकों से चर्चा कर शीघ्र ही ऐसी कोई प्लान बनाएं, जिनसे इन प्राणियों के जीवन की रक्षा हो सके।
गौरतलब है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 17 सितंबर 2022 को कूनो नेशनल पार्क में नामीबिया से आए आठ चीतों को जंगल में छोड़ा था। आठ नामीबिया और 12 चीता दक्षिण अफ्रीका से लाए गए थे। इसके साथ ही मादा चीता ने तीन शावकों को जन्म दिया था। इनमें सभी शावकों की मौत हो गई है। साथ ही पांच बड़े चीतों की मौत हो गई है। कूनो नेशनल पार्क में अभी 15 चीते बचे हैं।
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