चारधाम यात्रा: विधि-विधान के साथ गंगोत्री धाम के कपाट शीतकाल के लिए बंद, इस बार यात्रा ने सारे रिकॉर्ड तोड़े

गंगोत्री धाम के कपाट शीतकाल के लिए मंगलवार को अन्नकूट के पावन पर्व पर अभिजीत मुहूर्त में 11 बजकर 45 मिनट पर बंद किए गए।

फोटो: ians
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नवजीवन डेस्क

चारधाम यात्रा का समापन शुरू हो गया है। विश्व प्रसिद्ध गंगोत्री धाम के कपाट शीतकाल के लिए मंगलवार को अन्नकूट के पावन पर्व पर अभिजीत मुहूर्त में 11 बजकर 45 मिनट पर बंद किए गए।

इस दौरान पूरा धाम मां गंगा के जयकारे के साथ भक्तिमय हो गया। अब 6 माह तक मां गंगा के दर्शन मुखबा गांव में होंगे। कपाट बंद होने के बाद मां गंगा की उत्सव डोली अपने मायके मुखीमठ मुखबा के लिए प्रस्थान कर चुकी है।

रात्रि निवास भैरोघाटी स्थित देवी मंदिर में होगा। 15 नवंबर को भाईदूज के पर्व पर मां गंगा की उत्सव डोली अपने मायके मुखबा मुखीमठ में पहुंचेगी। जहां मां गंगा का स्वागत एक बेटी की तरह गांव के ग्रामीण करेंगे। शीतकाल के छह माह तक मां गंगा की पूजा मुखबा स्थित गंगा मंदिर में होगी।

दीपावली और कपाटबंदी के लिए गंगोत्री धाम को फूलों से सजाया गया। मां गंगा के शीतकालीन पड़ाव मुखबा स्थित गंगा मंदिर को भी फूलों से सजाया गया है।

इस बार यात्रा ने सारे रिकॉर्ड तोड़े। अब तक चारधाम यात्रा में 55.65 लाख श्रद्धालुओं ने दर्शन किए। गंगोत्री धाम में 9 लाख से ज्यादा श्रद्धालुओं ने मां गंगा के दर्शन किए। 2022 में गंगोत्री में 6.24 लाख यात्रियों ने गंगाजी के दर्शन किए थे। 

बता दें कि यमुनोत्री और केदारनाथ धाम के कपाट 15 नवंबर को बंद किए जाएंगे। बद्रीनाथ के कपाट 18 नवंबर को शीतकाल के लिए बंद किए जाएंगे।

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