चमोली त्रासदी: तपोवन टनल से अब तक 11 शव बरामद, DGP ने बताया, कब तक खत्म हो सकता है बचाव अभियान
अधिकारियों ने बताया कि तपोवन सुरंग के अंदर खुदाई का काम जारी है। 7 फरवरी की सुबह के जलप्रलय के बाद लगभग 200 लोग लापता हो गए थे। 7 फरवरी की बाढ़ के बाद यह पहली बार है जब बचाव दल सुरंग के अंदर शव खोजने में सफल रहे हैं।
उत्तराखंड के चमोली जिले ग्लेशियर फटने के बाद से बड़े स्तर पर राहत और बचाव का काम जारी है। जोशीमठ में तपोवन टनल से अब तक कुल 11 शव बरामद किए जा चुके हैं। आपदा के बाद जिले में कुल 58 शव बरामद किए जा चुके हैं।
अधिकारियों ने बताया कि तपोवन सुरंग के अंदर खुदाई का काम जारी है। 7 फरवरी की सुबह के जलप्रलय के बाद लगभग 200 लोग लापता हो गए थे। 7 फरवरी की बाढ़ के बाद यह पहली बार है जब बचाव दल सुरंग के अंदर शव खोजने में सफल रहे हैं। एक शीर्ष अधिकारी ने स्वीकार किया कि हम अधिक शवों की उम्मीद कर रहे हैं क्योंकि अब लोगों के जीवित रहने की उम्मीद कम हो रही है। अभी भी अंदर फंसे बाकी लोगों से कोई संपर्क नहीं है।
वहीं, राज्य के डीजीपी अशोक कुमार ने कहा कि वह उम्मीद कर रहे हैं कि अगले 3-4 दिनों में आपदा प्रभावित चमोली में बचाव अभियान खत्म हो सकता है। उस समय तक हम सब कुछ कवर कर सकते हैं। लेकिन अगर जरूरत पड़ी, तो बचाव अभियान और अधिक दिनों तक जारी रह सकता है। अगले एक महीने तक भी। आपदा के बाद से अभी भी कई लोग लापता हैं। वहीं सुरंग में भी कई लोग लापता है। लापता के लोगों के परिजन आपने के इंतजार में बैठे हैं।
राज्य पुलिस के प्रवक्ता डीआईजी निलेश आनंद भारने ने दावा किया कि उत्खनन जैसे कुछ अतिरिक्त मशीनों की मदद से बचाव कार्य में तेजी लाई गई है। बचावकर्मी दो स्थानों पर काम कर रहे हैं, एक सुरंग के अंदर और दूसरा रैणी में ऋषिगंगा परियोजना के अवशेषों पर। सुरंग के अंदर भारी गाद और कीचड़ की मौजूदगी के कारण खुदाई का काम धीमा हो गया। बचाव दल ने सुरंग के जटिल डिजाइन को समझने के लिए एनटीपीसी के अधिकारियों से भी सलाह ली।
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