लॉकडाउन के डेढ़ माह बाद आया लोगों के स्वास्थ्य का ख्याल, केंद्र ने राज्यों से सभी निजी क्लीनिक खुलवाने को कहा
कोरोना संकट के चलते लॉकडाउन के कारण डेढ़ महीने से पूरे देश में निजी क्लीनिक, नर्सिंग होम और लैब के बंद होने के कारण कोरोना के अलावा अन्य बीमारियों से जूझ रहे मरीजों को इलाज नहीं मिल पा रहा है, जिस कारण अब तक कई लोगों की मौत होने की भी खबर है।
कोरोना वायरस संकट के बीच केंद्रीय गृह मंत्रालय ने सोमवार को सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों (यूटी) को निर्देश दिया कि वे अपने यहां सभी निजी क्लीनिक, नर्सिग होम और लैब को खुलवाने की व्यवस्था करें। केंद्रीय गृह सचिव अजय भल्ला द्वारा सभी राज्यों के मुख्य सचिवों और केंद्र शासित प्रदेशों के अधिकारियों को यह आदेश जारी किया गया है।
इसमें जरूरत पड़ने पर एक राज्य से दूसरे राज्य में आवाजाही की सुविधा का भी निर्देश है। केंद्रीय गृह सचिव ने जोर दिया कि सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि उनके क्षेत्र के अधिकारी सभी चिकित्सा पेशेवरों, नर्सों, पैरा-मेडिकल, स्वच्छता कर्मियों और एम्बुलेंस की सुगम गतिविधियों की अनुमति दें। मंत्रालय ने यह आदेश इस जानकारी के बाद जारी किया हा कि कई स्थानों पर अब तक निजी क्लीनिक और नर्सिग होम को खोलने की अनुमति नहीं है।
गृह सचिव के पत्र में कहा गया है, "देश के चिकित्सा सुविधा के बुनियादी ढांचे के पूरक ये चिकित्सा सुविधा कामकाज और अस्पतालों पर भारी संख्या में मरीजों के बोझ से राहत देते हैं। मैं सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों से यह सुनिश्चित करने का आग्रह करूंगा कि ऐसे क्लीनिक और नर्सिग होम बिना किसी बाधा के कार्य करते रहें।"
गौरतलब है कि रविवार को कैबिनेट सचिव राजीव गौबा ने सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के मुख्य सचिवों और प्रधान सचिवों (स्वास्थ्य) के साथ एक वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से बैठक की, जिसमें चिकित्सा पेशेवरों और पैरामेडिकल कर्मियों की आवाजाही पर कुछ राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों द्वारा लगाए गए प्रतिबंधों का मुद्दा उठाया गया था, जिसके बाद ये निर्देश जारी किये गए हैं।
बता दें कि कोरोना संकट के चलते लॉकडाउन के कारण पूरे देश में प्राइवेट डॉक्टर्स के क्लीनिक, निजी नर्सिंग होम, निजी लैब आदि डेढ़ माह से बंद हैं। काई जगह तो सभी निजी अस्पतालों में भी ओपीडी और इमरजेंसी सेवा बंद हैं। केवल सरकारी अस्पताल कार्यरत हैं, जहां भी कोरोना महामारी के कारण ओपीडी़ पूरी तरह से बंद हैं। ऐसे में देश भर से अन्य बीमारियों से ग्रस्त मरीजों को परेशानियों की खबरें आ रही हैं।
हालांकि, इसका कोई आधिकारिक आंकड़ा उपलब्ध नहीं है, लेकिन कहा जा रहा है कि लॉकडाउन के दौरान अन्य बीमारियों का इलाज नहीं मिलने से कई लोगों की मौत हो गई है। यही कारण है कि चारों तरफ से ऐसी खबरें आने के बाद अब जाकर केंद्र सरकार ने इस पर कदम उठाते हुए निर्देश जारी किये हैं।
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