लॉकडाउन का दर्द बयां करती फिल्म 'भीड़' पर सेंसर बोर्ड ने चलाई कैंची, स्वरा ने बताया- तथ्यों से एलर्जी
अभिनेत्री स्वरा भास्कर ने 'भीड़' के अहम सीन्स को हटाकर फिल्म के मुख्य तथ्यों को कम करने और सच्चाई को दिखाने से रोकने पर सेंसर बोर्ड पर निशाना साधा है। उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि फैक्ट्स जैसा कुछ भी नहीं चुभता है। तथ्यों से एलर्जी, भारत में एक नई समस्या है।
बॉलीवुड एक्टर राजकुमार राव और भूमि पेडनेकर की नई फिल्म 'भीड़' आज से सिनेमाघरों में रिलीज हो गई है। लेकिन रिलीज से पहले फिल्म भीड़ के कई सीन्स पर सेंट्रल बोर्ड ऑफ फिल्म सर्टिफिकेशन (सेंसर बोर्ड) ने कैंची चला दी है। इन सीन्स को हटाए जाने पर बॉलीवुड एक्ट्रेस स्वरा भास्कर ने तीखी प्रतिक्रिया देते हुए कहा है कि तथ्यों से एलर्जी भारत की नई समस्या बन गई है।
दरअसल फिल्म की रिलीज से पहले प्रोजेक्ट से जुड़े अरूण दीप ने अपने ट्विटर हैंडल पर जानकारी दी है कि सेंसर बोर्ड ने राजकुमार राव की फिल्म भीड़ में से कई सीन्स हटा दिए हैं, जिनमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और दिल्ली के मुख्यंत्री के संदर्भ और वॉयस ओवर, महामारी के शुरुआती दिनों में मुसलमानों के खलनायकीकरण का चित्रण, लॉकडाउन के दर्द की विभाजन से तुलना और पुलिस की बर्बरता का चित्रण शामिल है।
इस मामले के सामने आने पर अभिनेत्री स्वरा ने सेंसर बोर्ड के इस कदम पर तंज कसा है। स्वरा ने अपने ऑफिशियल ट्विटर हैंडल पर लिखा है कि 'फैक्ट्स जैसा कुछ भी नहीं चुभता है। तथ्यों से एलर्जी, भारत में एक नई समस्या है।“ स्वरा ने इशारों-इशारों में 'भीड़' के अहम सीन्स को हटाकर फिल्म के मुख्य तथ्यों को कम करने और सच्चाई को दिखाने से रोकने पर सेंसर बोर्ड पर निशाना साधा है।
बता दें कि राजुकमार राव स्टारर फिल्म 'भीड़' की कहानी तीन साल पहले कोरोना महामारी के चलते देश में अचानक लगाए गए लॉकडाउन के दौरान लोगों को हुई परेशानियों की दास्तां बयान करती है। फिल्म के ट्रेलर में लॉकडाउन की वजह से लोगों को एक जगह से दूसरे जगह जाने में हुई समस्याओं को दिखाया गया है। लेकिन अब पता चला है कि सेंसर बोर्ड ने कई ऐसे सीन्स को काट दिया है जो फिल्म को सच्चाई से जोड़ती है।
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