सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर बोले प्रशांत भूषण और अरुण शौरी: राफेल सौदे की जांच करना अब सीबीआई का कानूनी कर्तव्य
राफेल मामले की समीक्षा याचिकाएं सुप्रीम कोर्ट से खारिज होने के बाद वरिष्ठ वकील प्रशांत भूषण और वरिष्ठ पत्रकार अरुण शौरी ने कहा है कि अब सीबीआई का कानूनी कर्तव्य है कि वह राफेल सौदे की जांच शुरु करे।
जाने माने वकील और सामाजिक कार्यकर्ता प्रशांत भूषण ने कहा है कि अब सीबीआई कानूनी तौर पर विवादित राफेल सौदे की जांच के लिए पाबंद हो गई है। भूषण ने यह बात शुक्रवार को दिल्ली में प्रेस क्लब में हुई एक प्रेस कांफ्रेंस में कही। उन्होंने राफेल मामले की समीक्षा याचिका पर सुप्रीम कोर्ट द्वारा दिए गए फैसले का हवाला देते हुए कहा कि, ‘जस्टिस के एम जोसेफ ने कहा है कि भले ही सुप्रीम कोर्ट ने याचिका को खारिज कर दिया है, लेकिन अब सीबीआई की कानूनी जिम्मेदारी है कि वह इस मामले में जांच शुरु करे।’
प्रशांत भूषण ने कहा, “जस्टिस जोसेफ ने अपनी राय में कहा है कि अगर याचिकाकर्ताओं की शिकायत पर सीबीआई एफआईआर दर्ज करना चाहती है तो सुप्रीम कोर्ट का फैसला जांच के बीच में नहीं आता, बशर्ते सरकार इस मामले की भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम की धारा 17 ए के तहत मंजूरी दे।।”
भूषण ने जोर देकर कहा कि उन्होंने, पूर्व वित्त मंत्री यशवंत सिन्हा और वरिष्ठ पत्रकार अरुण शौरी ने कभी भी राफेल सौदा रद्द करने की मांग नहीं की, बल्कि सिर्फ इस सौदे की सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में जांच कराने की मांग की है। उन्होंने कहा कि, “अब सीबीआई का यह कानूनी कर्तव्य है कि वह सौदे की जांच करे।” उन्होंने सीबीआई से अपील की कि वह सरकार से इस मामले में जांच करने की इजाजत मांगे।
इसी प्रेस कांफ्रेंस में मौजूद वरिष्ठ पत्रकार अरुण शौरी ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले को स्वघोषित प्रतिबंध करार दिया। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार ने अपने कुकृत्यों को छिपाने और अनिल अंबानी जैसे उद्योगपतियों को बचाने के लिए भ्रष्टाचार निरोधक कानून को बदल दिया है। उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में उनकी बात को बिल्कुल अलग तरीके से देखा है। उन्होंने लोगों से अपील की कि देश की सर्वोच्च जांच एजेंसी पर नजर बनाए रखें।
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